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कांकेर: अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव - kanker mla shishupal shorey

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से नाराज कोड़ेजूंगा के ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया. ग्रामीणों ने विधायक और तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

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ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

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Published : Mar 9, 2021, 8:58 PM IST

कांकेर: प्रशासनिक टीम के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से नाराज कोड़ेजूंगा के ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. ग्रामीण राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट घेरने निकले.

अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए अतिक्रमण वाली जमीन को आबादी भूमि घोषित करने की मांग की. नाराज ग्रामीणों ने तहसीलदार और कांकेर विधायक शिशुपाल शोरी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शुक्रवार को तहसीलदार और प्रशासनिक अमले ने बाइपास सड़क निर्माण के किनारे बने मकानों को हटाने की कार्रवाई की थी. इस पर तहसीलदार ने पूरी प्रक्रिया न्यायालय के आदेश पर किए जाने की बात कही थी.

विधायक के खिलाफ नारेबाजी

टीम ने कार्रवाई करते हुए तीन मकानों को हटाया. साथ ही 5 लोगों को एक हफ्ते के भीतर अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया. जिसका ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. पूरी कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. जिन्हें पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक शिशुपाल शोरी और तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

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बाइपास का होना है निर्माण

कोड़ेजूंगा के ग्रामीण बशीर खान ने बताया कि जिस जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है उसके पास से बाइपास सड़क का निर्माण किया जाना है. इसलिए भूमाफिया जमीन में नजर गड़ाए हुए हैं. लेकिन वो जमीन गांव की है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ये कार्रवाई भू-माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए की गई है.

जरुरतमंदों को दी गई थी जमीन

ग्रामीणों का कहना है कि करीब 12 साल से ग्रामवासियों के सर्वसम्मति से गांव के कुछ जरुरतमंद लोगों को आवास के लिए उक्त भूमि को आवंटित किया था. लेकिन तहसीलदार और अन्य कर्मचारियों ने शुक्रवार को बिना किसी नोटिस के तोड़फोड़ शुरू कर दी. घर तोड़े जाने को लेकर ग्रामवासी काफी नाराज दिखाई दिए. ग्रामीणों ने उक्त भूमि को बसाहट आबादी घोषित करने की मांग की है.

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