कांकेर: बस्तर संभाग के ग्रामीण इलाकों में विकास नहीं पहुंच सका है. कई बार जनप्रतिनिधि और प्रशासन भी इन इलाकों में राहत और विकास के कार्य नहीं कर पाते हैं. लेकिन ऐसे वक्त में ग्रामीण अपनी सूझबूझ का उदाहरण देने से पीछे नहीं हटते हैं. कहते हैं जहां चाह, वहां राह इस वाक्य को कांकेर के ग्रामीणों ने सच कर दिखाया है. नाले में पुलिया निर्माण की मांग करते-करते थक चुके ग्रामीणों ने श्रम दान कर खुद ही लकड़ी का पुल तैयार कर लिया है. ताकि उन्हें बारिश के दिनों में आगावमन के दौरान परेशानी का सामना न करना पड़े.
उप विकासखंड पखांजूर से 12 किलोमीटर दूरी पर आंजाड़ी में स्थित नाले में आजादी के 70 दशक बाद भी पुल नहीं बना है. अंजाड़ी नाले को पार कर 40 गांव के ग्रामीण अपनी दैनिक जरूरतों का सामान लेने पखांजूर मुख्यालय जाते हैं. बारिश के दौरान अंजाड़ी नाले में पानी भरने से ग्रामीण कई-कई दिनों तक पखांजूर मुख्यालय नहीं पहुंच पाते थे. ग्रामीण लगातार इस नाले पर पुल निर्माण की मांग कर रहे थे. लेकिन उनकी मांग किसी ने नहीं सुनी.(Anjadi drain in kanker)
एक हफ्ते में तैयार हुआ पुल
अंजाड़ी गांव के ग्रामीण राजेश नुरेटी ने बताया कि श्रमदान से ग्रामीणों ने सप्ताह भर में लकड़ी का पुल बनाया है. इस पुल के बनने से बारिश में आवागमन बाधित नहीं होगा. ज्यादा बारिश होने की स्थिति में ग्रामीण नाले के ऊपर बने इस पुल को पार नहीं करते हैं. बल्लियों और लकड़ी के सहारे पुल का निर्माण किया गया है.
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