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नक्सलियों के गढ़ में छुक छुक गाड़ी की गूंज - नक्सल क्षेत्र अंतागढ़ में अब ट्रेन की सीटी

नक्सल क्षेत्र अंतागढ़ में अब ट्रेन की सीटी गूंजेगी.सांसद मोहन मंडावी ने अंतागढ़ से दुर्ग की ओर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

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नक्सलियों के गढ़ में छुक छुक गाड़ी की गूंज

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Published : Aug 13, 2022, 4:25 PM IST

कांकेर :जिले के धुर नक्सल प्रभावित अन्तागढ़ में ट्रेन सेवा शुरू हो गई (Train started from Antagarh) है. दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर ट्रेन को सांसद मोहन मंडावी (MP Mohan Mandavi) ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पटरी बिछने और ट्रायल के बाद तीन साल के लंबे इंतजार के बाद अब ट्रेन सेवा अन्तागढ़ में शुरू हो सकी (First train departs from Antagarh) है. 2019 में अन्तागढ़ में ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए दो बार ट्रायल किया गया था. लेकिन कोविड 19 के कारण ट्रेन सेवा शुरू नही हो सकी थी. दल्लीराजहरा से भानुप्रतापपुर ,केवटी होते हुए ट्रेन अन्तागढ़ पहुंचेगी.

नक्सलियों के गढ़ में छुक छुक गाड़ी की गूंज

लोगों में दौड़ी खुशी की लहर :केवटी तक ट्रेन सेवा की शुरुआत 2019 में हो गई थी. रावघाट परियोजना के तहत क्षेत्र में रेल लाइन की सौगात मिली है. जिसका लाभ अब क्षेत्र के लोगों को मिलेगा. जिससे लोगों में खुशी देखी जा रही है. अन्तागढ़ में आगे रावघाट तक रेलवे लाइन बिछाने का कार्य अभी जारी है. जो कि जल्द ही पूरा होने की संभावना हैं. नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षाबलों की तैनाती में ट्रेन सेवा शुरू होने से क्षेत्र में विकास की बहार पहुंचने की उम्मीद भी लोग जता रहे (antagarh train news) हैं.



कितना होगा किराया : गौरतलब हो कि केवटी से अंतागढ़ की दूरी 17 किलोमीटर है. कांकेर जिले के अंतर्गत आने वाले अंतागढ़ के लोगों को रायपुर , बिलासपुर , राजनांदगांव और दुर्ग आने वाले केवटी आकर ट्रेन पकड़ते हैं. या फिर बस से सफर करना पड़ता है. अंतागढ़ से रायपुर बस से आते हैं तो करीब 200 रुपए किराया लगता है. साथ ही समय भी अधिक लगता है. यात्रियों का पूरा दिन खराब हो जाता है. ट्रेन शुरू होने पर पांच घंटे में यात्री आसानी से रायपुर पहुंच जाएंगे. ट्रेन से यात्रियों को दुर्ग का 65 रुपये और रायपुर तक 75 रुपए किराया लगेगा.

पदयात्रा करके की गई थी मांग :रावघाट रेल लाइन का निर्माण शुरू करने की मांग को लेकर अप्रैल महीने में बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के आव्हान पर सर्व सामाजिक संगठन के बैनर तले 175 किलोमीटर की पदयात्रा की शुरुआत अंतागढ़ से हुई थी. यह पदयात्रा करीब 10 दिनों तक चलकर जगदलपुर पहुंची. बस्तरवासियों ने रेल मंत्रालय से 5 सूत्रीय मांग रखी थी. जिसमें से एक प्रमुख मांग रायपुर के केवटी डेमू स्पेशल ट्रेन का नक्सलगढ़ अंतागढ़ तक विस्तार भी था. आखिरकार पदयात्रा के 4 महीने बाद रेल मंत्रालय ने बस्तर वासियों को रायपुर से अंतागढ़ तक पैसेंजर ट्रेन की सौगात दी. आजादी के अमृत महोत्सव में 13 अगस्त से ही हर घर तिरंगा अभियान भी शुरू हो रहा है.


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