कांकेर: नवरात्रि में 10 गांवों के देवी-देवताओं का जतरा हुआ. राजाओं के जमाने से यह परंपरा (Tradition) चली आ रही है. मंदिर समिति के सदस्य आनंद चौरसिया वर्तमान में राजापारा वार्ड के पार्षद हैं. उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पर्व पर जवारा कार्यक्रम की परंपरा (Program Tradition) चली आ रही है. मंदिर समिति 12 गांवों के देवी-देवताओं को निमंत्रण देकर बुलाती थी. लेकिन मंदिर में बुलाए गए देवी-देवताओं (Gods And Goddesses) के विराजने (बैठने) के लिऐ जगह न होने की वजह से इस परम्परा को बंद कर दिया गया था. इस साल वार्ड वासियों और समिति से चर्चा कर यह परंपरा फिर शुरू की गई है.
इस साल मंदिर समिति ने 10 गांवों के देवी-देवता, जिसमें पाठदेव (आंगा), पुजारी माझांपारा, मोकला मांझी पूजारी अन्नपूर्णा पारा, ग्राम बांस पत्तर आंगा पुजारी, सोनकुवर नवागांव, वीर कुवर घोटिया, मुडडोगरी, बालकुंवर मलांजकुडूम, गढपिछवाडी, चिवरांज, बारदेवरी गांव के देवी-देवता शामिल हैं. सिंहवाहनी मंदिर में जगह की कमी को देखते हुए राजापारा में स्थित गद्दी मावली माता मंदिर के प्रांगण में जवारा कार्यक्रम रखा गया है.