कांकेर:भानुप्रतापपुर विकासखंड में हाथियों का एक दल पिछले 15 दिनों से उत्पात मचा रहा(TERROR OF ELEPHANTS) है. ग्रामीण हाथियों से अपनी जान बचाने जेल के भवन में शरण ले रहे हैं तो कोई स्कूल भवन में रहने को मजबूर हैं. भानुप्रतापपुर ब्लॉक मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर हाथियों का झुंड मौजूद है. हाथियों की दहशत इतनी है कि ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के अनाज और घरों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे है.
पिच्चेकट्टा गांव में हाथी के उत्पात मचाने के बाद गांव के ग्रामीणों को उप जेल के भवन में शरण लेना पड़ा था. देर रात से सुबह तक मरदेल गांव के कई ग्रामीणों के घरों को हाथी ने तोड़ दिया है. हालात यह है कि, ग्रामीण घरों में ताला लगाकर शहरी क्षेत्रों में बसे रिश्तेदरों के यहां चले गए हैं.
यहां हाथियों से बचने के लिए 'जेल' में रहने को मजबूर हैं 400 ग्रामीण
मरदेल की रहने वाली सुनीता उइके कहती है कि, मेरे घर को हाथियों के झुंड ने पूरी तरह तोड़ दिया है. हाथियों ने घर में रखे सामान को भी तहस-नहस कर दिया है. दूसरे के घर शरण लेना पड़ा है. कुछ सामान बच गए हैं, उसे रिश्तेदारों के यहां रखा है'. सुनीता कहती हैं कि मानसून के साथ धान बुआई का सीजन आ गया है. धान बोने के लिए धान के बीज निकाले थे, उसे भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया. अब चिंता सता रही है कि घर बनाए या खेती करे.