कांकेर :बस्तर का प्रवेश द्वारा कहलाने वाले कांकेर जिले के चारमा ब्लॉक में एक बार फिर सर्व पिछड़ा वर्ग ने अधिकार रैली (Sarv Backward Class Took Out Adhikar Rally in Kanker) निकालकर एकजुटता का परिचय देते हुए अपनी ताकत दिखाई है. चारामा ब्लॉक मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में जुटे करीब 20 हजार महिला-पुरुषों ने आमसभा कर अपनी 6 सूत्री मांगों के समर्थन में नगर में रैली निकाली. कार्यक्रम का शुभारंभ मिनी स्टेडियम में राज्य गीत अरपा पैरी के धार के साथ पूजा अर्चना कर किया गया. फिर सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के विभिन्न समाज प्रमुखों ने सभा को संबोधित किया. आमसभा में चारामा ब्लॉक के साथ-साथ 6 अन्य ब्लॉक और पड़ोसी जिलों के पिछड़ा वर्ग के लोग भी शामिल हुए.
27 प्रतिशत आरक्षण पाने को कांकेर में सर्व पिछड़ा वर्ग ने निकाली अधिकार रैली शुरू से ही होती रही है हमारी उपेक्षा : जगन्नाथ साहू
इस मौके पर सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के नेता जगन्नाथ साहू ने कहा कि हमारा संगठन गैर राजनीतिक है. हमारी पूरी आबादी 52 प्रतिशत (Fifty Two percent of Backward Class Population in Chhattisgarh) है. बावजूद इसके हमें हमारा अधिकार नहीं मिल रहा है. पिछड़ा वर्ग की शुरू से ही उपेक्षा होती रही है, चाहे सरकार कोई भी हो. जब तक जातिगत जनगणना नहीं होगी, हमें 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक हम उपेक्षित होते रहेंगे. हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक हमें 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल जाता.
आवरी चौक के पास लोगों ने कर दिया चक्काजाम
आम सभा के बाद दोपहर करीब 2:30 बजे मिनी स्टेडियम से रैली निकाली गई. यह रैली राष्ट्रीय राजमार्ग होती हुई राम जानकी मंदिर आवरी चौक के पास पहुंची. इसके बाद अपनी मांगों को लेकर समाज के लोगों ने सड़क जाम कर दिया. राष्ट्रीय राजमार्ग जाम होने के कारण कांकेर-रायपुर मार्ग के दोनों तरफ करीब दो-तीन किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई थी.
27 प्रतिशत आरक्षण पाने को कांकेर में सर्व पिछड़ा वर्ग ने निकाली अधिकार रैली ढाई घंटे जाम के बाद बहाल हो सका यातायात
ब्लॉक मुख्यालय चारामा के राष्ट्रीय राजमार्ग और सदर बाजार वाले मार्ग पर भी सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों की भीड़ रही. नगर के प्रतिष्ठान भी सर्व पिछड़ा वर्ग के आह्वान पर बंद रखे गए थे. कुछ देर बाद कोरर चौक पर भी लोगों ने सड़क जाम कर दिया. करीब ढाई घंटे तक जाम रहने के बाद प्रशासन के आश्वासन पर यातायात बहाल हो सका. वहीं समाज प्रमुखों ने अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, सांसद-विधायक और पिछड़ा वर्ग आयोग आदि के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा.
ये हैं पिछड़ा वर्ग के लोगों की मुख्य मांगें
- छत्तीसगढ़ राज्य में पिछड़ा वर्ग की 52 प्रतिशत आबादी (Fifty Two Percent of Backward Class Population in Chhattisgarh) के आधार पर 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.
- छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के स्वतंत्र मंत्रालय की स्थापना की जाए.
- राज्य की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में भारत सरकार की जनसंख्या की गणना के आधार पर जिन ग्राम पंचायतों में पिछड़ा वर्ग की बहुलता है, वहां पिछड़ा वर्ग का सरपंच पद आरक्षित किया जाए.
- पिछड़ा वर्ग को परंपरागत वननिवासी होने के नाते पांचवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.
- छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) एवं भारत सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षा से लेकर कॉलेज की पढ़ाई के लिए संचालित सभी आश्रम छात्रावास में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए श्वेता आरक्षण छात्रवृत्ति एक समान दी जाए.
- परंपरागत वन निवासियों को वन अधिकार मान्यता पत्र जो वर्तमान में लंबित है, उसे तत्काल प्रदान किया जाए.