कांकेर:दक्षिण बस्तर में गुरुवार को झमाझम बारिश के साथ मानसून ने दस्तक दे दी है, जिसकी वजह से देर शाम जिले में भी तेज बारिश हुई है. इसके साथ ही अब जिला प्रशासन भी मानसून को देखते हुए अलर्ट पर है. जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां बारिश के दौरान नदी-नाले में ऊफान आने के कारण आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाता है. ऐसी ही गांवों में राशन और जरूरी दवाइयां पहुंचाने का काम प्रशासनिक अमला कर रहा है.
बता दें कि जिले के दुर्गुकोंदल, कोयलीबेड़ा और अन्तागढ़ ब्लॉक के कई गांव बारिश के दौरान जिला और ब्लॉक मुख्यालयों से कट जाते हैं, जिसकी वजह से यहां बारिश से 4 महीने पहले ही जून, जुलाई अगस्त और सितंबर का राशन का भंडारण एक साथ किया जाता है. जानकारी के मुताबिक जिले के तकरीबन 40 से 45 गांव बारिश के दौरान टापू में तब्दील हो जाते हैं, जिसमें से लगभग 30 गांव तक बारिश से पहले ही राशन और दवाइयां पहुंचाई जा चुकी है. वहीं बाकि बचे गांव में भी समाग्री पहुंचाने का काम जोरों पर है.
राशन सामग्री नहीं पहुंचने की वजह से देरी