Murder Case File Against Son : बेटे ने दफनाया बाप का शव, 9 दिन बाद पुलिस ने खोदकर निकाला बाहर
कांकेर में एक व्यक्ति की मौत हुई तो धर्मिक रीति रिवाज के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार किया गया. मामले में नया मोड़ तब आया जब मृतक की बेटी ने हत्या होने का संदेह जताया और शिकायत की. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने 9 दिन बाद शव को कब्र से बाहर निकाला.
दफन शव को कब्र से बाहर निकाला
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Published : Jun 17, 2023, 4:22 PM IST
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Updated : Jun 17, 2023, 5:07 PM IST
दफन शव को कब्र से बाहर निकाला
कांकेर:विकासखंड कांकेर के ग्राम मोदे में नौ दिन पहले एक बुर्जुग की मौत हुई थी, जिसे सगे बेटे ने ही मार कर हार्ट अटैक होना बताया था. मृतक की बेटी की शिकायत पर शनिवार को प्रशासनिक अमले और पुलिस की मौजूदगी में कांकेर नगर से सटे भंडारीपारा में दफन शव को कब्र से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. जिस गांव में व्यक्ति की मौत हुई थी, वहां धर्मांतरण का मसला हावी होने के चलते गांव वालों ने शव दफनाने नहीं दिया था. इसके बाद शव को कांकेर में दफनाया गया था. कांकेर में शव दफनाने को लेकर वार्डवासियों ने भी विरोध किया था.
गांववालों को सूचना दिए बिना ही दफनाया था शव:कांकेर एसडीओपी मोहसिन खान ने बताया कि "थाना कोरर क्षेत्र में हत्या का मामला दर्ज किया गया है. मृतक की बेटी जानकी बाई पटेल ने मामला दर्ज कराया है. उसका भाई, जो ग्राम मोदे का निवासी है, अपने बुजुर्ग पिता के साथ मार-पीट करता था. इसी मारपीट की वजह से बुजुर्ग की मौत होना बताया है. गांव वालों को बिना सूचना दिए भ्रमित कर बेटे ने शव दफना दिया था. बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है."
बेटी ने कांकेर एसपी से की थी शिकायत:15 जून को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे मोदे निवासी मृतक के भाई सगनूराम पटेल ने बताया कि "उनके भाई बजरूराम पटेल ने दो शादी की थी. पहली पत्नी की एक बेटी जानकी बाई पटेल है, जिसकी शादी विश्रामपुरी के पलना में हुई है. पहली पत्नी की मौत के बाद उसने दूसरी शादी कुमारी बाई से की और इसके तीन संतान सुनील कुमार, अंजू और सुनीता हैं. कुमारी बाई और उसकी तीनों संतानों ने इसाई धर्म अपना लिया. भाई बजरूराम जो शराब का आदी था, वह नशे में धर्म विशेष पर कुछ न कुछ बोलता रहता था. इससे उसकी पत्नी और बच्चे नाराज रहा करते थे."
7 जून से पहले ठीक था बजरूराम का स्वास्थ्य:सगनूराम पटेल के मुताबिक बजरूराम का स्वास्थ्य ठीक था. 7 जून की दोपहर बजरूराम के मरने की खबर उसके बेटे ने परिजनों को दी और कहा कि हार्ट अटैक से मौत हुई है. गांववालों के विरोध करने पर उसके धर्म के साथी पहुंचकर शव को लेकर चले गए. इसके बाद इमलीपारा में शव को दफनाया गया. यहां भी शव को दफनाने को लेकर विवाद हुआ था और पार्षद ने भी इस मामले की शिकायत की थी.
बाप का चेहरा भी नहीं देख पाई बेटी:मृतक बजरूराम के मौत की खबर पर बेटी जानकी बाई पटेल अपने ससुराल ग्राम पलना से देखने आई, लेकिन उनका चेहरा भी नहीं देख पाई और लोगों ने शव को दफना दिया. इसके बाद उसने कोरर थाने में शिकायत दर्ज कराई. जानकी बाई पटेल पिता की हत्या का सौतेले भाई सुनील पटेल पर लगाते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है. फिलहाल आरोपी बेटा फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.