कांकेर: लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में प्रचार अभियान जोर-शोर से चल रहा है. चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे प्रत्याशी लोगों को रिझाने के लिए प्रचार में जुटे हुए हैं. कांकेर लोकसभा में भी दूसरे चरण में यानी कि 18 अप्रैल को वोटिंग होनी है, जिसमें महज अब एक हफ्ते का समय बचा है. लेकिन कुछ गांव के लोग ऐसे भी हैं, जो ये जानते कि उनका प्रत्याशी कौन है.
इस बीच एक हैरान करने वाली बात सामने आई है. जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर स्थि मरापी गांव के लोगों को अब तक यह नहीं पता कि लोकसभा चुनाव में कौन-कौन प्रत्याशी मैदान में हैं. यहां के ग्रामीण किसी भी प्रत्याशी का नाम तक नहीं जानते, तो ये सोचिए कि वो किस आधार पर मतदान करने जाएंगे. ये हाल जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर बसे गांव का है.
यहां के लोग नहीं जानते प्रत्याशियों का नाम
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मतदाताओं का ये हाल है. जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर में ऐसा कैसे हो सकता है कि यहां के लोग प्रत्याशियों के नाम तक नहीं जानते हों लेकिन यह सच है. ग्रामीणों के अनुसार इनके गांव मरापी में कभी कोई नेता प्रचार के लिए पहुंचता ही नहीं तो वो कैसे प्रत्याशियों के बारे में जान सकेंगे.
बीते साल बनाई गई थी सड़क
यह वही मरापी गांव है जहां बीते साल पुलिस विभाग ने पहाड़ियों को काटकर सड़क निर्माण किया था. नक्सलियों की दहशत के चलते यहां बीते साल तक सड़क निर्माण तक नहीं हो सका था और ग्रामीण पहाड़ी रास्तों के बीच से ही आना-जाना करते थे. जब पुलिस विभाग ने सड़क बनाई तो इसके बाद इस गांव में एक दिन मेले जैसा माहौल था और जिले के तमाम बड़े अधिकारी, हर पार्टी के नेता यहां पहुंचे थे. लेकिन वो दिन था और आज का दिन है. उस दिन के बाद यहां न तो कोई अधिकारी पहुंचे न ही कोई नेता कभी ग्रामीणों का सुख दुख सुनने पहुंचे.