कांकेर:राशन दुकान संचालक लाइसेंस निरस्त करने के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे इन लोगों ने लाइसेंस निरस्त न करने की मांग शासन से की है. प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांग को लेकर राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.
राशन दुकान संचालकों का विरोध प्रदर्शन, सरकार पर लगाया द्वेषपूर्ण कार्रवाई का आरोप राशन दुकान संचालकों का कहना है कि, 'प्रदेश में काम कर रहे राशन दुकान संचालक बहुत ही बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं, जिसके कारण ही छतीसगढ़ की पूर्व सरकार को दो बार बेहतर सार्वजनिक वितरण प्रणाली व्यवस्था का पुरस्कार मिला था'.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, 'वर्तमान सरकार द्वेषपूर्ण कार्रवाई करते हुए सभी के लाइसेंस निरस्त करने की बात कर रही है, जो कि उनके साथ अन्याय है'. राशन दुकान संचालक संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि, 'कई लोग सालों से इस कार्य को कर रहे हैं. ऐसे में एकाएक उन्हें हटाने से वो बेरोजगार हो जाएंगे और जीवनयापन के लिए दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी'.
कांग्रेस सरकार के आरोप को बताया गलत
राशन दुकान संचालकों ने कांग्रेस सरकार द्वारा उनके ऊपर बीजेपी के एजेंट के रूप में कार्य करने के आरोप को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि, 'राशन दुकानें महिला स्व सहायता समूह, सहकारी समिति, वनधन समिति द्वारा संचालित हो रही है और ये अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं, ऐसे में गलत आरोप लगाकर दुकान के लाइसेंस निरस्त करना न्याय संगत नहीं है'.
शासन ने ही बंद करवाया था चना नमक का वितरण
राशन दुकान संचालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव सिन्हा ने कहा कि, 'सरकार ने ही चने और नमक का वितरण बंद करवाया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राशन दुकान संचालकों को बीजेपी का एजेंट बताकर उन पर गलत आरोप लगाए हैं'.