कांकेर: पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुधावा बांध क्षेत्र को प्रशासन विकसित कर रहा है. जिसमें 70 लाख रुपए की लागत से ईको लर्निंग सेंटर विकसित किया गया है. जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा है. वन प्रबंधन समिति की तरफ से 5 लाख की लागत से पैडल मोटर बोट खरीदा गया है. जहां पर्यटक पैडल मोटर बोट का भी लुफ्त दुधावा बांध में उठा सकते है.
पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना दुधावा बांध क्षेत्र: सरोना वन परिक्षेत्र अधिकारी धनलाल साहू ने बताया कि "दुधावा में इको लर्निग सेंटर को वन प्रबन्धन समिति द्वारा संचालित किया जाता है. जिसका उद्धघाटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था. अब तक वन प्रबन्धन समिति को 14 लाख रुपए का आमदनी हो चुकी है. अब तक 30 हजार पर्यटक यहां आ चुके हैं. रोजाना पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. यहां 06 सीटर दो बोट के अलावा एक जेटी तथा फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है."
बढ़ते पर्यटन को देख किया गया सुविधाओं का विस्तार: इसका संचालन स्थानीय वन प्रबंधन समिति के द्वारा किया जा रहा है. वन प्रबंधन समिति दुधावा को ईको लर्निंग सेंटर से शुरू होने से लेकर अब तक लगभग 12 लाख 50 हजार रूपये की आमदनी हो चुकी है. इसकी सफलता को देखते हुए यहां पर सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. अब यहां चार कॉटेज का निर्माण किया जा रहा है. बोटिंग के लिए 10 सीटर एक नया मोटर बोट खरीदा गया है. बच्चों की जलक्रीड़ा के लिए जुबलिंग वॉल खरीदा गया है एवं पैराशूट की व्यवस्था भी की गई है.
Paddle motor boat started at Dudhwa: कांकेर में पर्यटन का विस्तार, दुधावा इको लर्निग सेंटर में पैडल मोटर बोट सेवा शुरू - कांकेर में पर्यटन का विस्तार
कांकेर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुधावा बांध क्षेत्र में 70 लाख रुपए की लागत से ईको लर्निंग सेंटर विकसित किया गया है. जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा है. इसी कड़ी में अब वन प्रबंधन समिति की तरफ से 5 लाख की लागत से पैडल मोटर बोट खरीदा गया है. जहां पर्यटक पैडल मोटर बोट का भी लुफ्त उठा सकते हैं.
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चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है यह क्षेत्र: दुधावा बांध क्षेत्र चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहां पर ईको लर्निंग सेंटर शुरू होने से प्रदेश भर के पर्यटक दुधावा के मनोरम दृश्य, जैव विविधता एवं भौगोलिक विविधता का आनंद उठा रहे हैं. यह विद्यार्थियों और ग्रामीणों के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करने वाला एक अच्छा प्राकृतिक शिक्षा केन्द्र बन कर उभरा है.