कांकेर: नगर पंचायत नरहरपुर के 15 वार्डों के लिए आरक्षण की घोषणा होते ही अन्य पिछड़ा वर्ग ने विरोध करना शुरू कर दिया है. अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नगर पंचायत नरहरपुर में एक भी पार्षद के लिए सीट नहीं होने पर आपत्ति जताई गई है.
पार्षद पद के लिए आरक्षण पर बवाल छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ की ओर से ओम प्रकाश साहू, भागवत राठौर ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव में रोस्टर आरक्षण का पालन किया जाता है. उसी रोस्टर के आधार पर हर बार चुनाव होता है. संघ के पदाधिकारी ने कहा शहर पंचायत नरहरपुर में इस तरह के रोस्टर का पालन नहीं हो रहा है.
अन्य पिछड़ा वर्ग की हो रही अनदेखी
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि शहर में 15 वार्ड हैं. निर्वाचित पार्षद ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करते हैं. वहीं नगर पंचायत नरहरपुर में 25 प्रतिशत से अधिक आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है. 15 वार्डों में 7 वार्डों को अनारक्षित रखा गया है. जबकि 7 वार्ड अनुसूचित जनजाति और 1 अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व रखा गया है. नगर पंचायत में एक भी वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित नहीं है. ऐसे में पिछड़ा वर्ग की अनदेखी हो रही है. पदाधिकारी इस तरह की त्रुटियों को सुधारने के लिए आवेदन कर रहे हैं.
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आरक्षण व्यवस्था में सुधार नहीं किया तो होगा उग्र प्रदर्शन
पदाधिकारियों ने कहा कि अगर शासन-प्रशासन ने पिछड़ा वर्ग के आवेदन को स्वीकार कर आरक्षण व्यवस्था में सुधार नहीं किया तो समाज के लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे. वहीं ओम प्रकाश साहू ने कहा कि नगर पालिका में भी कुछ साल पहले अध्यक्ष पद को अन्य पिछड़ा वर्ग से जोड़ने के लिए आरक्षित किया गया था. अन्य नगर पंचायतों में भी पार्षदों के चुनाव के लिए पिछड़ा वर्ग को स्थान दिया गया, लेकिन नगर पंचायत नरहरपुर में इस तरह का भेदभाव किया जा रहा है. प्रशासन की अनदेखी के चलते अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है.