कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर में मलांजकुडुम जलप्रपात में बीते दिन पिकनिक मनाने पहुंचे दो युवक डूब गए थे. मंगलवार को जलप्रपात में बहने वाले दो युवकों में से एक युवक का शव बरामद (one Dead body found in Malanjakudam waterfal) कर लिया गया है. कुलेश्वर उइके का शव पुलिस ने चट्टानों के बीच से बरामद किया है. वहीं दूसरे युवक सत्येंद्र सिन्हा की खोजबीन जारी है.
पैर फिसलने से हुआ हादसा: कांकेर जिले में स्थित मलांजकुडुम जलप्रपात को देखने और पिकनिक मनाने लोग दूर दूर से आते हैं. सोमवार को भी कई ग्रुपों में लोग जलप्रपात को देखने पहुंचे हुए थे. इसी दौरान पैर फिसने से अलग अलग ग्रुप के दो युवक पानी में बह गए. दो युवकों के बहने की जानकारी पाकर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों को जलप्रपात में उतारा. लेकिन अंधेरा होने के कारण दोनों युवक नहीं मिल सके. रात में रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा.
मलांजकुडुम जलप्रपात हादसा यह भी पढ़ें:पिकनिक मनाने आए थे मलांजकुडुम जलप्रपात, दो युवक डूबने लगे तो उन्हें बचाने कूदे, अब हो रही तलाश
दूसरे युवक की तलाश जारी: मंगलवार सुबह 8 बजे से तलाशी अभियान फिर से शुरू किया गया. जिसके बाद दोपहर 2 बजे पुलेश्वर उइके का शव नीचे चट्टानों के बीच मे फंसा मिला. जिसको रेस्क्यू करके पुलिस द्वारा निकाला गया. शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है. जांच पड़ताल के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जायेगा. इस सबंध में कांकेर कोतवाली प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि "काफी मशक्कत के बाद एक युवक के शव को बरामद किया गया है. दूसरे युवक सत्येंद्र सिन्हा के शव की तलाश जारी है."
प्रत्यक्षदर्शी ने बाताई आपबीती: मौत के मुंह से बाहर निकल कर आए प्रत्यक्षदर्शी जय मंडावी ने ETV भारत को बताया कि "सत्येंद्र जैन अपने अन्य 3 साथी के साथ मलांजकुडूम जलप्रपात गया हुआ था. उसी समय कुलेश्वर उईके भी अपने 3 साथी के साथ मलांजकुडूम गया था. शाम को गीतपहर वाले ग्रुप का एक लड़का जय मंडावी मलांजकुडुम में पहाड़ी के ऊपर पानी में नहाने उतरा और डूबने लगा. जिसे देख कर सत्येंद्र जैन, जय मंडावी को बचाने के लिए पानी में उतर गया और वह भी डूबने लगा. मौके पर उपस्थित नवागांव वाले ग्रुप का कुलेश्वर उईके दोनों की सहायता के लिए पानी में उतर गया और जय मंडावी और सत्येंद्र जैन की सहायता करने लगा. जय मंडावी किसी प्रकार से पानी के बाहर तो आ गया, लेकिन सत्येंद्र जैन एवं कुलेश्वर उईके जलप्रपात के भंवर में फंस कर बह गए." जय मंडावी ने बताया कि "वह 2 घण्टा पत्थर के छोटे से सहारे को पकड़ कर पानी में था. बाद में अन्य साथियों के मदद से उसे रस्सी से बाहर निकाला गया."