कांकेर: चारामा ब्लॉक के कुररू भाटा गांव में दो समाज के लोगों में विवाद हो गया है. गांव के पिछड़ा वर्ग के लोगों का आरोप है कि आदिवासी समाज के जन प्रतिनिधियों द्वारा फर्जी ग्राम सभा का आयोजन कर 98 लोगों से फर्जी हस्ताक्षर करा लिया गया और इस हस्ताक्षर के माध्यम से कई प्रस्ताव पारित कर दिये गए.
पिछड़ा वर्ग के लोगों को माता के मंदिर में नो एंट्री! पिछड़ा वर्ग के लोगों ने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों पर जमीन हड़पने और दुर्गा मंदिर में पूजा करने से रोकने जैसे कई आरोप लगाए हैं. अपनी शिकायत को लेकर आज (मंगलवार) पिछड़ा वर्ग के लोग जिला मुख्यालय पहुंचे थे. जहां सभी लोगों ने अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप मामले में जल्द कार्रावई की मांग की है.
एक साल पुराना है मामला
मामला 2018 का बताया जा रहा है. 10 जून 2018 को गांव में आदिवासी समाज और सरपंच-सचिव के द्वारा ग्राम सभा आयोजित की गई. आरोप है कि ग्राम सभा की सूचना पिछड़ा वर्ग के अधिकांश लोगों को नहीं दी गई. इस दौरान ग्राम सभा में उनके फर्जी हस्ताक्षर कर कई प्रस्ताव पारित कर दिये गए. कुछ दिन बाद जब फिर से ग्राम सभा बुलाई गई तो रजिस्टर में पिछली ग्राम सभा के दौरान अपने हस्ताक्षर देख पिछड़ा वर्ग के लोग दंग रह गए. क्योंकि वे उस ग्राम सभा में शामिल हीं नहीं हुए थे. इसके बाद मामले की शिकायत प्रशासन से की गई, लेकिन इसपर कोई कार्रावई नहीं हुई. जिसके बाद आज सभी लोग कलेक्टर से मामले की शिकायत करने पहुंचे थे.
जमीन हड़पने का आरोप
पिछड़ा वर्ग के लोगों का आरोप है कि गांव में श्मशान घाट बनाने के लिए जबरन पिछड़ा वर्ग के लोगों की खेती की जमीन हड़पी जा रही है. वहीं गांव के दुर्गा माता मंदिर में भी पिछड़ा वर्ग के लोगों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है.
रामायण मंडली का पैसा हड़पने का आरोप
पिछड़ा वर्ग के लोगों ने आरोप लगया है कि आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने रामायण मंडली से 5 लाख रुपये का गबन किया है. इसका विरोध करने पर पिछड़ा वर्ग के लोगों को रामायण मंडली से बाहर कर दिया गया है. साथ ही आदिवासी समाज के कुछ लोग गांव को दो हिस्सों में बांटने की कोशिश कर रहे हैं.