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अपहरण या आपसी रंजिश ? कांकेर में लापता पुलिस जवान का अब तक सुराग नहीं

कांकेर के नक्सल प्रभावित कोड़ेकुर्से थाना में पदस्थ सहायक आरक्षक बीते पांच दिनों से लापता है. परिजनों का कहना है आरक्षक का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया है. वहीं पुलिस जवान के लापता होने के पीछे नक्सलियों का हाथ होने से अधिकारियों ने इनकार किया है. पुलिस इसे आपसी रंजिश का मामला बता रही है. फिलहाल हर एंगल को ध्यान में रखते हुए जवान की तलाश की जा रही है.

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Published : May 3, 2021, 5:15 PM IST

Updated : May 3, 2021, 7:46 PM IST

policeman missing in Kanker
पुलिस जवान मनोज नेताम

कांकेर: जिले के धुर नक्सल प्रभावित कोड़ेकुर्से थाना में पदस्थ पुलिस जवान के लापता होने का मामला दिनों दिन रहस्य बनता जा रहा है. लापता जवान का 6 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिल सका है. कांकेर और राजनांदगांव दोनों जिले की पुलिस टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है. लेकिन जवान का कोई पता नहीं चल सका है. इधर पुलिस नक्सली वारदात से इंकार कर रही है. अभी तक नक्सलियों ने किसी भी प्रकार का पर्चा जारी नहीं किया है. पुलिस, लापता जवान का कारण आपसी रंजिश भी बता रही है.

कांकेर में लापता पुलिस जवान का अब तक सुराग नहीं

एएसपी गोरखनाथ बघेल अपनी टीम के साथ उस जगह पर पहुंचे, जहां जवान की बाइक लावरिस हालात में मिली थी. जिसके बाद एएसपी ने जवान के गांव जाड़ेकुर्से पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने जवान को जल्द खोज निकालने की बात कही है.

कांकेर में पदस्थ सहायक आरक्षक चार दिनों से लापता

सहायक आरक्षक मनोज नेताम 28 अप्रैल से लापता है. पुलिस जवान के लापता होने के पीछे नक्सलियों का हाथ होने से अधिकारियों ने इनकार किया है. पुलिस इसे आपसी रंजिश का मामला बता रही है. सवाल यह है कि आपसी रंजिश के कारण जवान गायब हुआ है तो 5 दिन बाद भी उसका पता कैसे नहीं चल सका ? वहीं नक्सलियों ने भी अब तक जवान के अपहरण को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है. जिससे मामला उलझता जा रहा है और पुलिस की परेशानी बढ़ती जा रही है.

परिजनों ने जताया नक्सलियों पर शक

मनोज नेताम के सहायक आरक्षक के पद पर भर्ती होने के पहले नक्सलियों ने उससे पुलिस मुखबिरी के शक में मारपीट की थी. परिजन और ग्रामीणों का कहना है कि मनोज के लापता होने के पीछे नक्सलियों का ही हाथ है. हालांकि पुलिस मामले में हर एंगल से जांच करने की बात कह रही है.

पुलिस जवान की पत्नी की गुहार

वहीं जवान की पत्नी प्रेमबति ने कहा कि यदि उनके पति का नक्सलियों ने अपहरण किया है तो वो उनसे गुजारिश करती हैं कि उन्हें सकुशल रिहा कर दें. क्योंकि वह घर में अकेले कमाने वाले हैं और उनपर तीन मासूम बच्चों और बुजुर्ग पिता की जिम्मेदारी है.

Last Updated : May 3, 2021, 7:46 PM IST

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