कांकेर: अंतागढ़ ब्लॉक के ग्रामीण आज भी नक्सलियों के दहशत में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं. इसकी वजह है करमरी गांव में बना नक्सली स्मारक, 15 साल से गांव के बीच में दहशत का पर्याय बना हुआ है. लोगों का कहना है कि पुलिस को इसकी कई बार सूचना दी गई, लेकिन आज तक प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दिया. इससे इलाके में नक्सली दहशत आज भी बरकरार है.
कांकेर: करमरी में लाल आतंक की दहशत, अब तक नहीं हटा नक्सली स्मारक - पुलिस प्रशासन को इसकी कई बार सूचना दी गई
अंतागढ़ ब्लॉक के ग्रामीणों में नक्सलियों का डर आज भी बरकरार है. गांव में 15 साल पुराना नक्सली शहीद स्मारक बना हुआ है. पुलिस भी उस स्मारक को नहीं हटाई है.
करमरी गांव के लोगों में नक्सलियों का डर कुछ इस कदर हावी है कि ग्रामीण कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं. ग्रामीणों ने कैमरे के पीछे बस इतना ही बताया कि आज से लगभग 15 साल पहले 50 से 60 हथियार बंद नक्सली गांव में आए थे, जिन्होंने गांव के बीच में तकरीबन 30 फीट ऊंचा नक्सली स्मारक बना दिया, जो आज भी वैसे के वैसे खड़ा है. इतना ही नहीं इस क्षेत्र में सुरक्षा बलों की आवाजाही तक नहीं है.
नक्सलियों की दहशत आज भी बरकरार
पुलिस और सुरक्षा बल भले ही गांव-गांव तक पहुंचकर ग्रामीणों को भयमुक्त करने के लिए अभियान चला रहे हैं, पुलिस मितान कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों तक पहुंचा जा सके, लेकिन करमरी गांव की स्थिति एक दम उसके उलट है. इस इलाके में नक्सलियों का दहशत कायम है.