कांकेर: छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा (Chhattisgarh-Maharashtra border) पर फिर नक्सल हलचल देखी जा रही है. नक्सलियों ने बुधवार की रात गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली तहसील में गट्टा पुलिस कैंप पर हमला किया. लेकिन नक्सली इसमें कामयाब नहीं हो पाए. (Naxalite attack). नक्सलियों ने कैंप पर ग्रेनेड भी दागा है. लेकिन ग्रेनेड मौके पर नहीं फटा. ऐसे में नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फिर गया. नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में थे. इस दौरान सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की. जवानों की कार्रवाई से घबराकर नक्सली पीछे हट गए.
बीजापुर नक्सली हमले में आठ जवान शहीद, 24 घायल, मोदी और शाह ने जताया दुख
बड़ी संख्या में पहुंचे थे नक्सली
बुधवार की रात करीब 50 से 60 की संख्या में नक्सली मौके पर पहुंचे थे. पुलिस कैंप पर फायरिंग (Firing on police camp) के साथ ही ग्रेनेड से हमला किया गया. जवानों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. कुछ देर चले मुठभेड़ के बाद नक्सली मौके से भाग निकले. लेकिन जिस तरह से नक्सलियों ने कैंप पर हमला किया. वो आगे पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है.
बदला लेने की तैयारी में नक्सली
नक्सलियों ने 26 अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया है. हाल ही में गढ़चिरौली जिले में जवानों ने नक्सलियों को खासा नुकसान पहुचाया था. जिससे नक्सली बौखलाए हुए हैं. नक्सलियों का बड़ा लीडर भास्कर हिचामी समेत 5 नक्सली होली के दिन मुठभेड़ में मारे गए थे. वहीं इसके पहले नक्सलियों का हथियार बनाने का बड़ा कारखाना भी जवानों ने धस्वत कर दिया था. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि नक्सली बदला लेने की रणनीति तैयार कर रहे हैं.
बीजापुर से अगवा ASI की पत्नी ने नक्सलियों से लगाई रिहाई की गुहार
बीजापुर पुलिस-नक्सल मुठभेड़ से बढ़ा हौसला
बीजापुर के जंगल में अप्रैल के पहले हफ्ते में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच में जोरदार मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए थे. जबकि 31 जवान जख्मी थे. एक जवान का नक्सलियों ने अपहरण किया था. जवान को मध्यस्थता के बाद नक्सलियों ने जनअदालत में कैमरे के सामने छोड़ा. इस घटना के बाद नक्सली सक्रिय हैं. आगजनी और अन्य घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. हाल के दिनों में नक्सलियों ने 2 ग्रामीण युवकों की भी हत्या की है. साथ ही एक पुलिस एएसआई का भी नक्सलियों ने अपहरण किया है.
बस्तर में गर्मी के दिनों में क्यों बढ़ जाती हैं नक्सली वारदातें?
गर्मी में नक्सली होते हैं सक्रिय
गर्मी का मौसम शुरू होते ही नक्सलियों की गतिविधियां (Activities of naxalites) तेज हो जाती है. इस दौरान नक्सली लगातार जवानों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं. नक्सली जगह-जगह लैंडमाइन लगाते हैं. एंबुश लगाकर ज्यादा से ज्यादा जवानों को अपना शिकार बनाने की कोशिश करते हैं.
बड़े नक्सली हमले हमलों पर एक नजर
- 28 फरवरी 2006 को नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के एर्राबोर गांव में लैंडमाइन ब्लास्ट (Landmine blast) किया, जिसमें 25 जवानों की जान गई थी.
- 16 जुलाई 2006 को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में एक राहत शिविर पर हमला किया था, जहां कई ग्रामीणों का अपहरण कर लिया गया था. इस हमले में 29 लोगों की जान गई थी.
- 15 मार्च साल 2007 में नक्सलियों ने फिर बड़ा हमला किया. बस्तर क्षेत्र में पुलिस बेस कैंप पर करीब 350 की संख्या में नक्सलियों ने हमला किया. इस हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के 15 जवान शहीद हुए थे, 9 सलवा जुडूम के आदिवासी युवक थे, जिन्हें विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के रूप में नामित किया गया था. 11 लोग घायल भी हुए थे. इस अटैक में हथियारों से लैस 100 नक्सली शामिल थे.
- 6 अप्रैल 2010, ये दिन कोई नहीं भूल सकता है. इस दिन नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में एक के बाद एक ब्लास्ट किए. इस हमले में हमने 76 जवानों को खो दिया था. इसमें 75 अर्धसैनिक बल के जवान और राज्य पुलिस का एक सिपाही शहीद हुआ था.
- 8 मई 2010 छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने पुलिस की एक गाड़ी को उड़ा दिया था, जिसमें भारतीय अर्धसैनिक बल के 8 जवान शहीद हुए थे.
- 25 मई, साल 2013 ये दिन हमेशा याद रखा जाएगा. नक्सलियों ने इस दिन खूनी खेल खेलते हुए दरभा की झीरम घाटी में बहुत बड़ा हमला किया. नक्सलियों के इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व खत्म हो गया था. प्रदेश कांग्रेस के 25 नेताओं की मौत हुई थी. इस हमले में विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल जैसे बड़े नेताओं को कांग्रेस ने खोया था.
- 28 फरवरी 2014 को नक्सल हमले में एक SHO समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.11 मार्च 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में झीरम घाटी के घने जंगलों में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. इसमें सीआरपीएफ के 11 जवान और 4 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. एक नागरिक की भी मौत हुई थी.
- 1 मार्च 2017 नक्सलियों के हमले में अर्धसैनिक बल के 11 कमांडो शहीद हुए थे, 3 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
- 22 मार्च 2017 को दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में नक्सली मारे गए थे.
- 24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले में (CRPF) के अधिकारी सड़क निर्माण करने वालों की रखवाली कर रहे थे. इस दौरान नक्सलियों ने अफसरों पर अटैक कर दिया. इस हमले में (CRPF) के 25 जवान शहीद हो गए और 7 घायल हुए थे. ये उस साल का सबसे बड़ा हमला था.
- 27 अप्रैल 2018 को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए.
- 27 अक्टूबर 2018 में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 4 जवान शहीद हुए थे.
- 30 अक्टूबर 2018 को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमेल में दूरदर्शन के कैमरामैन की मौत हुई और 2 जवान शहीद हुए थे.
- 9 अप्रैल को नक्सलियों भाजपा विधायक भीमा मंडावी को निशाना बनाया. इस हमले में उनकी जान चली गई.
- 4 अगस्त 2019 को मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए. इसमें 5 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल थे.
- 22 मार्च 2020 को सुकमा में कोराजडोंगरी के चिंतागुफा के पास नक्सली हमले में 17 जवान शहीद हो गए थे. शहीद होने वाले जवानों में डीआरजी के 12 जवान और एसटीएफ 5 जवान थे.
- 28 नवंबर 2020 सुकमा में IED ब्लास्ट की चपेट में असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव शहीद हो गए. इस घटना में कोबरा बटालियन के 9 जवान घायल हुए थे.
- 23 मार्च 2021 को नारायणपुर में बड़ी घटना को अंजाम दिया था. इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे.