कांकेर: अति संवेदनशील ताड़ोकी थाना क्षेत्र के तुमापाल-कोसरुंडा मार्ग पर नक्सलियों के लगाये IED से रेलवे निर्माण कार्य में लगे तीन कर्मचारियों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद आम लोगों में नक्सलियों के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है. आम लोगों का कहना है कि नक्सली पहले सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाते थे, लेकिन अब आम लोगों को भी बिना किसी कारण वे नुकसान पहुंचा रहे हैं.
आम लोगों पर भी हमला करने लगे हैं नक्सली बताया जा रहा है, नक्सलियों ने जहां ब्लास्ट किया है उससे कुछ ही दूरी पर SSB का कैंप है. ब्लास्ट के बाद SSB के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ भी हुई थी, लेकिन नक्सली वहां से भाग निकलने में कामयाब रहे.
रावघाट परियोजना का विरोध कर रहे हैं नक्सली
नक्सली लगातार रावघाट रेलवे परियोजना का विरोध कर रहे हैं, लेकिन काफी समय के बाद नक्सलियों ने इलाके में बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. जिस तरह से नक्सलियों ने काम करने वाले मजदूर वर्ग के कर्मचारियों को निशाना बनाया है. उससे साफ है कि नक्सली इस कदर बौखलाये हुए हैं कि वो अब आम आदमी को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं.
2 साल पहले की थी ठेकेदार की हत्या
रावघाट रेलवे परियोजना में ही काम कर रहे ठेकेदार की 2 साल पहले नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. जिसके बाद काफी समय तक काम बंद पड़ा था. हालांकि बाद में इलाके में कई जगहों पर पुलिस कैंप खोले गए थे, जिसके बाद यहां फिर से काम शुरू हुआ है.
सर्च ऑपरेशन जारी
इलाके में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है. दोनों कैंप से SSB के जवान जंगलों के अंदर सर्चिंग में लगे हुए है. पुलिस के आला अधिकारी भी घटना स्थल पर मौजूद बताये जा रहे हैं. घटना में मारे गए कर्मचारियों का शव अंतागढ़ भेज दिया गया है.
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ये है पूरा मामला ?
- मंगलवार सुबह करीब 9 बजे तुमापाल की तरफ से दो हजार लीटर का डीजल टैंकर कुसरुण्डा के पास चल रहे रेलवे निर्माण कार्य में लगी वाहनों के लिए डीजल लेकर जा रही थी.
- जैसे ही टैंकर कच्चे मार्ग पर बने पुल पर पहुंची नक्सलियों ने आइईडी ब्लास्ट कर दिया.
- ब्लास्ट से टैंकर में सवार चालक राकेश कोडोपी, तुनेश्वर सिंह और अजय सलाम की मौके पर ही मौत हो गई.
- ब्लास्ट की आवाज सुन दोनों तरफ से एसएसबी के जवान तत्काल घटना स्थल की तरफ रवाना हुए, जिन्हें देख नक्सली फायरिंग करते हुए मौके से भागने लगे.
- जवानों और नक्सलियों के बीच लगभग एक घंटे मुठभेड़ चली, लेकिन नक्सली घने जंगल की आड़ लेकर भागने में कामयाब रहे.