Kanker News: मजबूर मां ने बेटे को जंजीर से बांधा, जानें गरीबी कैसे बनी अभिशाप - दिमागी रूप से कमजोर
कांकेर से एक भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. गरीबी कैसे अभिशाप बन जाती है, यह भानुप्रतापपुर के एक छोटे से गांव में देखने को मिला है. यहां बेटा मानसिक रूप से बीमार हुआ तो गरीबी ने बूढे़ मां बाप को बेटे को जंजीर से बांधने को मजबूर कर दिया.
मां ने मानसिक रूप से बीमार बेटे को जंजीर से बांधा
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Published : May 30, 2023, 6:14 PM IST
मां ने मानसिक रूप से बीमार बेटे को जंजीर से बांधा
कांकेर:भानुप्रतापपुर के भेजा गांव से मन को विचलित कर देने वाला एक दृश्य सामने आया है. मां बाप ने अपने ही बेटे के दोनों हाथ और पैर में बेड़ियां बांध रखी हैं. युवक बड़े मुश्किल से चल पा रहा है. 30 साल का युवक मानसिक रूप से कमजोर है. इसलिए मां बाप बेटे को बांधकर रखने को मजबूर हैं. उनके पास युवक का इलाज करवाने के पैसे नहीं हैं. अगर उसे बांधकर ना रखें तो वह उत्पात मचाना शुरू कर देता है.
एक बेटा 13 साल से घर नहीं लौटा:बूढ़ी महिला सगरो बाई ने बताया कि उसका बेटे रूप सिंह तेता 10 साल पहले अचानक दिमागी रूप से कमजोर होने लगा. उसके बाद वह कभी मानसिक रूप से ठीक नहीं हो पाया. महिला ने बताया उसके दो बेटे हैं. छोटा बेटा सानू राम 13 साल पहले बोर गाड़ी में काम करने ले लिए गया. जिसके बाद वह दोबारा घर नहीं आया. हालांकि उसकी बूढ़ी मां को विश्वास है कि उसका बेटा कही ना कहीं सकुशल होगा.
गरीबी ने बनाया मजबूर:महिला ने बताया उसकी दो बेटियां भी हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. घर पर दोनों बूढ़े पति पत्नी रहते हैं और मजदूरी करते हैं. मानसिक रोगी रूप सिंह की देख रेख भी वही करते हैं. परिवार बेहद ही गरीब है, जो कुछ रुपये उसके पास थे, वे बेटे के इलाज में पहले खर्च कर चुके हैं. अब आगे इलाज करवाना उनके लिए दूर की बात है. गरीबी ने इतना मजबूर बना दिया है कि अपनी औलाद को जंजीरों से बांधकर रखना पड़ रहा है.
कहीं से नहीं मिला कोई सहयोग: मानसिक रोगियों के लिए शासन कई योजनाएं चला रही हैं. लेकिन क्षेत्र के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते रूप सिंह और उसके परिवार को कोई सहायता नहीं मिल पाया है. आर्थिक रूप से कमजोर और जानकारी के अभाव में एक युवा का जीवन खराब हो रहा है. परिवार में बचे बूढ़े मां बाप का सहारा भी कोई नहीं है. क्षेत्र में कई सामाजिक संस्थाएं हैं जो मानसिक रोगियों के इलाज में सहयोग प्रदान करती हैं. बावजूद इसके रूपसिंह की स्थिति के बारे में उन्हें अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है.