कांकेर: 15 जून 2020 की काली रात को लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan ghati) में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे. हमारे जवानों ने भी चीन के कई सैनिकों को मार गिराया था. इस संघर्ष को आज एक साल हो गए हैं.
भारतीय सेना (Indian Army) के 20 वीर शहीद जवानों में छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक छोटे से गांव गिधाली के रहने वाले जवान गणेश राम कुंजाम (Ganesh Ram Kunjam) भी शामिल थे. गणेश के परिवार को उनके शहीद होने के बाद वे तमाम सुविधाएं तो उपलब्ध करवाई गईं, जो देश सेवा में शहीद जवानों के परिजनों को दी जाती हैं, लेकिन शहीद जवान के लिए बनाया जाने वाला स्मारक (Memorial of Martyr Ganesh Ram) आज भी शासन-प्रशासन की ओर से मिलने वाले फंड का इंतजार रहा है. जिस जवान ने देश सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, उसके स्मारक के लिए फंड नहीं होने की बात कही जा रही है. शासन-प्रशासन का तर्क है कि स्मारक बनाने के लिए कोई फंड नहीं होता है.
परिवार लगा रहा गुहार
17 जून 2020 का दिन गणेश के परिवार के लिए काले दिन जैसा था. इसी दिन जवान गणेश राम कुंजाम की शहादत की खबर आई थी. पहले सिर्फ 3 जवानों के शहीद होने की खबर थी, लेकिन 17 जून की रात तक ये संख्या 20 हो गई थी. इसमें कांकेर जिले के चारामा ब्लॉक के छोटे से गांव गिधाली के गणेश राम भी शामिल थे. उनके गांव में सेना के अफसरों, मंत्री, अधिकारियों की मौजूदगी में शहीद जवान गणेश कुंजाम को अंतिम विदाई दी गई थी. परिवार को शहीद होने वाले जवानों के परिवार को मिलने वाली हर मदद भी मिली. गांव का स्कूल गणेश राम कुंजाम के नाम पर रखा गया, छोटी बहन को कुछ दिनों पहले ही नौकरी भी मिल गई, लेकिन शहीद गणेश राम का स्मारक (Memorial of Martyr Ganesh Ram) अब तक नहीं बन पाया है, जिसके लिए परिवार शासन से लगातार गुहार लगा रहा है. इधर जिम्मेदार कह रहे हैं कि स्मारक के लिए फंड नहीं है.
सैनिक कल्याण बोर्ड से भी लगाई गुहार
गणेश राम कुंजाम के चाचा तिहारु राम कुंजाम का कहना है कि इस मामले को लेकर उन्होंने कई बार सैनिक कल्याण बोर्ड (Sainik Welfare Board) के जिला दफ्तर में भी संपर्क किया, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली. तिहारु राम ने बताया कि इस एक साल में सैनिक कल्याण बोर्ड के कोई भी अधिकारी कभी शहीद जवान के परिवार का हाल जानने नहीं आए. जबकि इस बोर्ड का गठन ही सैनिकों और उनके परिवार की मदद के लिए किया गया है.
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सीएम ने की थी घोषणा
19 जून को शहीद का शव चीन सीमा से रायपुर पहुंचा, तो श्रद्धांजलि देने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) भी पहुंचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा था कि शहीद की यादों को जिंदा रखने के लिए गांव के प्राथमिक शाला को शहीद गणेश राम कुंजाम के नाम किया जाएगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद इस दिशा में काम करते हुए प्रशासन ने गिधाली के प्राइमरी स्कूल को शहीद गणेश राम कुंजाम के नाम पर कर दिया गया. प्राथमिक शाला के साथ उसी परिसर में स्थित माध्यमिक शाला का रंगरोगन भी कराया गया. अब परिसर में चेकर टाइल्स लगवाई जा रही है. गिधाली के प्राइमरी स्कूल का नामकरण शहीद गणेश राम कुंजाम के नाम (school named after martyr Ganesh Ram Kunjam) करते हुए स्कूल में तमाम सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. शिक्षा विभाग इस स्कूल को हाईटेक बनाने में लगा हुआ है.