कांकेर: पुलिस मितान कार्यक्रम के तहत करीब 2 साल पहले मरापी गांव पहुंची पुलिस टीम ने पहाड़ी चट्टानों को काटकर गांव तक पहुंचमार्ग बनाया था, लेकिन प्रशासन ने इस कच्ची पहुंच मार्ग की जगह पक्की सड़क बनाने की जरूरत नहीं समझी और जवानों की मेहनत बारिश में बह गई. अब गांव में पहुंचने की कोशिश कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम इस रास्ते में ही फंस गई और आधे रास्ते से ही वापस लौट गई.
नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण मरापी गांव में सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. स्वास्थ्य विभाग की चिरायु टीम गांव के स्कूली और आंगनबाड़ी के बच्चों के स्वास्थ्य जांच के लिए गांव पहुंचने की कोशिश कर रही थी, लेकिन टीम की गाड़ी गांव के रास्ते में ही फंसकर खराब हो गई और आधे रास्ते से ही लौट गई.
3 कलेक्टर बदले, नहीं बदली तस्वीर
मरापी में जब पुलिस विभाग द्वारा कच्ची सड़क बनाई गई थी, उस दौरान पहली बार इस गांव में जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया था. तब तत्कालीन कलेक्टर टॉमन सिंह सोनवानी समेत आला अधिकारी यहां पहुंचे थे. इसके बाद दो कलेक्टर और बदल गए, लेकिन इस गांव की तस्वीर अब तक नहीं बदली है.