कांकेर: माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बारहवीं और दसवीं बोर्ड के नतीजों का ऐलान कर दिया है. बारहवीं बोर्ड में धमतरी जिले के निजी स्कूल की छात्रा खुशी गंजीर ने प्रदेश में सातवां स्थान हासिल किया है.
खुशी ने हासिल की 7वीं रैंक
परिवार के लोग दे रहे बधाई
खुशी की इस उपलब्धि से उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है और सभी एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर खुशियां मना रहे है. वहीं परिवार के लोगों को फोन पर बधाइयां दे रहे हैं.
खुशी ने हासिल किया सातवां स्थान
बारहवीं बोर्ड में प्रदेश में सातवां स्थान हासिल कर धमतरी जिले का नाम रोशन करने वाली खुशी ने बताया कि वो रोजाना 6 घंटे पढाई करती थी. उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य मेरिट लिस्ट में अपना स्थान पक्का करना था.
10वीं में हासिल किए थे 92 फीसदी अंक
खुशी ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में भी 92 फीसदी अंक हासिल किए थे, लेकिन वो मेरिट लिस्ट में स्थान नहीं बना सकी थी, खुशी बताती हैं बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में स्थान बनाने का यह आखिरी मौका था, इसलिए उन्होंने तय कर लिया था कि किसी भी हालत में वो मेरिट लिस्ट में अपना नाम लाकर ही रहेंगी.
टीवी में नाम देखकर लगी जानकारी
जिसके लिए उन्होंने जीतोड़ मेहनत की थी, उन्होने बताया की उन्हें खुद पर भरोसा था कि वो मेरिट में आएंगी, इसलिए शुक्रवार को एक बजे से वो टीवी के सामने ही बैठी थी. जैसे ही टीवी पर उन्होने अपना नाम देखा वो खुशी से झूम उठी और फौरन इसकी जानकारी परिवार को दी.
रिश्तेदार के घर रहकर कर रही पढ़ाई
खुशी इस वक़्त अपने बड़े पापा के घर कांकेर के कोरर में है. उन्होंने अपने माता-पिता को भी फोन पर मेरिट लिस्ट में आने की जानकारी दी, जिससे वो झूम उठे है.
धमतरी कलेक्टर ने फोन पर दी बधाई
खुशी के मेरिट लिस्ट में स्थान बनाने पर धमतरी कलेक्टर रजत बंसल ने उन्हें फोन पर बधाई दी. इस पर खुशी ने कहा कि 'उन्हें बहुत ही गौरवान्वित महसूस हो रहा है कि जिले के कलेक्टर ने उन्हें फोन किया. खुशी बड़ी होकर कलेक्टर बनना चाहती है. खुशी के छोटे भाई त्रिलोक गंजीर ने भी दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 71 फीसदी अंक हासिल किए हैं.
छात्रों को दिया ये संदेश
अक्सर देखा जाता है कि परीक्षा में कम अंक आने या असफल हो जाने पर कई छात्र गलत कदम उठा लेते है. ऐसे छात्रों को संदेश देते हुए खुशी ने कहा कि 'कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. दसवीं बोर्ड में जब वे मेरिट सूची में स्थान नहीं बना पाई थी तो उन्हें भी निराशा हुई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बारहवीं में उन्होंने अपना लक्ष्य हासिल करते हुए मेरिट में स्थान बनाया है.
सोशल मीडिया से बनाई थी दूरी
खुशी ने बताया कि 'वो पहले सोशल नेटवर्किग साइट्स का इस्तेमाल करती थीं. लेकिन बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए उन्होंने इससे दूरी बना रखी थी और इसका इस्तेमाल बेहद कम कर दिया था. वो सिर्फ पढ़ाई में ध्यान दे रही थीं, जिसका नतीजा सार्थक रहा.
स्कूल में होती है बेहतर पढ़ाई
खुशी ने अपनी उपलब्धि के लिए टीचरों का धन्यवाद किया है. खुशी ने बताया कि 'स्कूल में बेहतर पढ़ाई होती थी और इस वजह से उन्हें कभी ट्यूशन लेने की जरूरत नही पड़ी.
प्राइवेट कंपनी में कर्मचारी हैं पिता
खुशी के पिता नरेंद्र गंजीर धमतरी में एक प्राइवेट कृषि कंपनी में काम करते हैं. वहीं उनकी मां निलेश्वरी घर की जिम्मेदारी संभालती हैं. खुशी कहती हैं कि वो कलेक्टर बनकर देश सेवा करना चाहती हैं साथ ही अपने माता -पिता को हर खुशी देना चाहती है.