कांकेर में शिमला जैसा नजारा कांकेर:कांकेर जिले में ओलावृष्टि से शिमला जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. अचानक हुई ओलावृष्टि से सफेद बर्फ की चादर बिछ गई है. कांकेर से धमतरी जाने वाले मार्ग में राजाराव पठार के पास नेशनल हाइवे के किनारे लगे जंगलों को बर्फ ने पूरी तरह से ढक लिया है. ऐसा नजारा देख राहगीरों ने भी इसका खूब लुत्फ उठाया. रुक-रुक कर राहगीर इस नजारे का वीडियो और फोटो लेने लगे.
कई जिलों में तेज बारिश:प्रदेश के कई जिलों में हो रही तेज बारिश के साथ कांकेर जिले के कई इलाकों में गरज चमक के साथ ओलावृष्टि हो रही है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था कि 15 से 20 मार्च तक बारिश के साथ ओलावृष्टि होगी. तेज बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने फिर एक बार प्रदेश के कई जिलों को अलर्ट जारी किया है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है.
लोगों को मिली गर्मी से राहत:मौसम के बदले मिजाज से कांकेरवासियों को गर्मी से तो राहत मिली लेकिन गेहूं, सरसों और मक्के की फसल को भारी नुकसान हुआ है. सब्जियों में कीट का संकट शुरू हो गया है.
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बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान: गेहूं, सरसों और मक्के की खड़ी फसलों को ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है. खेत में कटी हुई फसलों की गुणवत्ता में प्रभावित होने का अंदेशा जताया जा रहा है. मौसम विज्ञानी एचआर भुआर्य ने बताया कि "सरसों और मक्के की खड़ी फसलों में हल्की बारिश और ओलावृष्टि होने से खड़ी फसल को नुकसान होगा. चना की फसल में भी कीड़े लगने की आशंका है. सब्जी की फसलों में पत्तेदार गोभी, टमाटर में कीड़े लगने की आशंका है. जिसके लिए उचित कीटनाशक का छिड़काव करना होगा. "
महुआ को हुआ नुकसान:जिले में हुई हल्की बारिश से आम की फसल को नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन महुआ के फूल प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ मध्य और उपरी वातावरण में चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण मध्य राजस्थान व उससे लगे क्षेत्र के उपर स्थित है. प्रदेश में दक्षिण पूर्व सैनमी युक्त हवा का बंगाल की खाड़ी से लगतार हो रहा है. जिसके कारण जिले में हल्की वर्षा हुई है. इसका प्रभाव 20 मार्च तक रहेगा.