कांकेर : जिले के कई गांव बारिश के दौरान टापू बन जाते है. गांव के चारों ओर बहने वाले बरसाती नाले बारिश में उफान पर होते हैं. पुलिया नहीं होने से ग्रामीण कई बार इन नालों के चपेट में आ जाते हैं. अंजाड़ी, माचपल्ली, पीवी-62 जैसे क्षेत्रों में बारिश के दौरान पुल नहीं होने से परेशानी होती है. अंजाड़ी में बारिश से पहले नालों को पार करने के लिए ग्रामीणों ने वैकल्पिक पुल बनाकर आवागमन किया था. लेकिन तेज बारिश और पानी के बहाव के कारण ये वैकल्पिक पुल बह गया, जिसके बाद एक बार फिर गांव का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया है.
बारिश में बहा जुगाड़ का पुल :बारिश से पहले ग्रामीणों ने देसी पुल बनाया था. लेकिन बारिश के कारण ये पुल बह गया. ग्रामीणों की माने तो पिछले बीस साल से ये लोग पुल की मांग कर रहे हैं. मांग पूरी नहीं होने पर बांस और बल्लियों के सहारे देसी पुल बनाया था. इस पुल की मदद से सैंकड़ों ग्रामीण ब्लॉक मुख्यालय में आते जाते थे. लेकिन बारिश शुरू होते ही पुल पानी में बह गया, जिससे एक बार फिर गांव का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट गया है.