कांकेर :छत्तीसगढ़ में पहले फेस के चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के साथ प्रत्याशियों के बीच सम्मान की लड़ाई जारी है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच हर चुनाव में मुख्य मुकाबला रहता है.लेकिन आज हम ऐसे नेता के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. जिन्हें पार्टी ने हर चुनाव में मौका दिया है.भले ही वो चुनाव जीते या हारे. 1993 से लेकर 2023 के चुनाव तक उनका टिकट नहीं काटा गया है. हर बार के चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाया गया यहीं नही बीजेपी ने सांसद की टिकट भी देकर उन्हें मैदान में उतारा.
कौन हैं दिग्गज नेता ? : हम जिस नेता के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उनका टिकट कभी नहीं कटा. इस नेता का नाम है विक्रम उसेंडी. विक्रम उसेंडी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भी निभा चुके हैं. कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा के घोटुलबेडा गांव के निवासी विक्रम उसेंडी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. 90 के दशक में शिक्षक पद से इस्तीफा देकर विक्रम उसेंडी राजनीति में आए. अविभाजित मध्यप्रदेश जब अंतागढ़ नारायणपुर विधानसभा में आता था. उस वक्त 1993 में विक्रम उसेंडी विधायक चुने गए थे.
विक्रम उसेंडी का राजनीतिक सफर :छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2003 से 2014 तक तीन बार विधायक चुने गए. 2004 से 2008 तक वन मंत्री रहे. 2003 से 2004 तक शिक्षा मंत्री भी रहे. 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए कांकेर लोकसभा से सांसद भी चुने गए. सबसे खास बात ये है कि पार्टी ने इनका टिकट कभी नहीं काटा. जब से राजनीति में प्रवेश किया तब से इन्हें 7 बार टिकट मिला है.5 बार इन्होंने चुनाव जीता है. 2 बार हारा है. 2023 के विधानसभा के लिए इन्हें पार्टी ने फिर से अंतागढ़ विधानसभा के लिए विक्रम उसेंडी को प्रत्याशी बनाया गया है.
नहीं कटा कभी भी टिकट :विक्रम उसेंडी 7 बार अब तक चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें 6 बार विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा.विधानसभा चुनाव में विक्रम उसेंडी को 4 बार जीत हासिल की.2014 लोकसभा चुनाव में विक्रम उसेंडी को सांसद का टिकट मिला.जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई.