कांकेर: जिले में हाल ही में 3 नए रेत खदानों की नीलामी की गई है. पहले से 12 रेत खदान स्वीकृत है. अब जिले में कुल 15 रेत खदानों को स्वीकृति मिल गई है. 15 रेत खदानों में सबसे ज्यादा चारामा विकासखंड के महानदी के तटों पर है. खनिज विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक स्वीकृत किए गए खदानों में पर्यवारण स्वीकृति मिली हुई है. लेकिन रेत ठेकेदार मनमाने ढंग से दिन रात एक कर अवैध तरीको से रेत का खनन और परिवाहन कर रहे हैं.
भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नोटिफिकेशन और इसमें किए गए संशोधनों के मुताबिक रेत खदानों में खनन संचालन के लिए दी गई पर्यावरणीय अनापत्ति में, रेत का खनन मानव श्रम से किया जाना चाहिए. जिसमें मशीनों से रेत उत्खनन पूर्णता प्रतिबंधित है. लेकिन रेत उत्खनन में ठेकेदार राष्ट्रीय हरित न्यायालय (एनजीटी) के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं और जिले का खनिज विभाग मौन साधे बैठा है.
चेन माउंटेन से रेत खनन
पर्यवारण मामलों के जानकर हेमलाल मरकाम कहते हैं कि नई सरकार के गठन के बाद ग्राम पंचायतों से खदान संचालन जारी करने की शक्ति वापस लिए जाने के बाद, छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक निविदा के जरिए उत्खनन पट्टा आवंटित किया गया है. छत्तीसगढ़ कि प्रदेश सरकार रेत खदानों में अवैध खनन रोकने के लिए रेत खदानों का आवंटन कर रही है. दूसरी ओर जिले के चारामा विकासखंड के रेतखदानों में चेन माउंटेन मशीन से दिन-रात रेत खनन किया जा रहा है.
रेत ठेकेदार से ग्रामीणों के विवाद के बाद हरकत में आया प्रशासन