कांकेर:हाथों में डंडा लिए अक्सरशहर-गांव के गली-मोहल्लों में शराब बिक्री और मनचलों को सबक सिखाने वाली महिलाओं का समूह नजर आता था. पिछले कुछ दिनों से ये समूह नजर आना बंद हो गया है. एक ओर जहां सरकार शराब की दुकानें खोलकर मुनाफा कमा रही है, वहीं महिलाओं ने शराब और शराबियों पर नकेल कसने के लिए महिला संगठन बनाया था. इन महिलाओं के समूह को गुलाबी गैंग के नाम से जाना जाता था. ये गुलाबी गैंग अब प्रशासन से मदद नहीं मिलने की वजह से बंद हो चुका है.
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गुलाबी गैंग के नाम से अवैध शराब बिक्री, तस्करी और नशे के सौदागर खौफ खाते थे, लेकिन अब न तो गली मोहल्लों में महिलाओं का ये समूह दिखता है न इनका काम. कांकेर नगर के आमापारा निवासी आशा निषाद कहती है मेरे समूह में 100 महिलाएं थी हमे गुलाबी गैंग कह कर पुकारा जाता था. शाम को हम डंडा पकड़ के बाहर निकल जाते थे. महिलाओं के पास कामों का बोझ डाल दिया जाता है फिर भी हम समय निकाल के सभी महिलाएं चौक में एकत्रित होते थे. आशा बताती है जहां-जहां अवैध शराब बिकता था वहां जाकर पुलिस को सूचना देते थे या स्वयं से समझाइश देते थे कि यह काम बंद कर दिया जाए. वार्ड में शराब बिकने से वार्ड वालों को परेशानी होती थी हमारे नौजवान बच्चे नशे के शिकार हो रहे थे. नशे में घरेलू उत्पीड़न , छेड़छाड़ के मामले सामने आते थे.
नहीं मिला सहयोग
आशा निराश हो कर कहती है हम महिलाएं नशा मुक्त कराने का सोचे थे, लेकिन हमारा सहयोग प्रशासन ने नहीं किया. लोग हमें कुछ दिनों बाद चिढ़ाने लग गए क्योकि सबके घरों में शराब पिया जाता था. महिलाएं चाहती थी हमारे पति पी रहें हैं, लेकिन आने वाले पीढ़ी हमारे बच्चे इसकी गिरफ्त में न आए।. सहयोग नहीं मिलने के चलते हमने हमारा काम बंद कर दिया. आज स्थिति वही बनी हुई है नगर में नौजवान नशे के गिरफ्त में है. चौक-चौराहों में देखा जा सकता है किस तरह युवाओं का जमावड़ा रहता है कैसे हुड़दंग मचाते रहते है.