कांकेर: पखांजूर ब्लॉक की मायापुर पंचायत में असामाजिक तत्वों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति खंडित कर दी है. इस घटना से पखांजूर क्षेत्र के लोगों ने नाराजगी जाहिर की है.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति खंडित साल 2008 में मायापुर से महाराष्ट्र जाने वाले मार्ग के चौक नंबर तीन पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति स्थापित की गई थी. 2008 से लेकर अब तक 12 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज तक मूर्ती नहीं बन पाई है. जानकारी के मुताबिक पिछले 5 सालों से पंचायत समिति ने भी खंडित मूर्ति की रिपेयरिंग नहीं कराई. सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति 23 जनवरी 2008 को क्षेत्रवासियों ने चंदा एकत्रित कर लगाया गया था. तभी से मायापुर पंचायत में सुभाषचंद्र बोस चौक के नाम से जाने जाना लगा.
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अच्छे मिस्त्री नहीं मिल रहे
सुभाष चंद्र बोस की खंडित मूर्ति के मामले में जब ETV भारत के टीम ने कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जनपद उपाध्यक्ष किशोर मंडल से बातचीत कि तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए बताया की नेताजी सुभाष चंद्र बोस की खंडित मूर्ति बनाने में कोई अच्छा मिस्त्री नहीं मिल रहा है और कोरोना काल की बजय से मरम्मत का काम प्रभावित हैं. लेकिन उन्होंने और उनके जनपद पंचायत क्षेत्र के मायापुर पंचायत में 5 साल से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की खंडित मूर्ति का मरम्मत करना उचित नहीं समझा.
स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस की अहम भूमिका
हरपाल सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की खंडित मूर्ति देखकर आहूत होकर कहा कि जिस संगठन ने मूर्ति स्थापित किया गया है. उस संगठन को मूर्ति की देखरेख और समय-समय पर साफ सफाई करना था. जागृति मंच के अध्यक्ष ने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस देश में ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध थे. स्वतंत्रता संग्राम में भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अहम भूमिका थी.