कांकेर: जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बांदे के बैंक मैनेजर की लापरवाही से किसान परेशान हैं. धान के बोनस की दूसरी किस्त किसानों के खाते में डाली गई है, लेकिन किसानों को अब तक रुपए मिल नहीं पाए हैं. किसान रोजाना 30 से 35 किलोमीटर दूर बरसात में भीगते हुए बैंक आते हैं, लेकिन बैंक मैनेजर की लापरवाही की वजह से पैसा नहीं मिल पाता है.
राज्य सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के दिन धान के बोनस की दूसरी किस्त किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की थी. कोरोना के राहत कार्य के लिए भी किसानों और गरीबों के बैंक खाते में राशि डाली गई है. किसान बताते हैं कि बारिश के समय में धान और मक्के की खेती के लिए कीटनाशक दवा समेत कई चीजों की जरूरत पड़ती है, लेकिन बैंक की लापरवाही की वजह से वे खेती का सामान नहीं खरीद पा रहे हैं.
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