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भानुप्रतापपुर में हाथियों ने बैल को कुचलकर मारा, जान बचाकर भाग रहा ग्रामीण हुआ घायल

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Published : Jun 23, 2021, 12:52 PM IST

कांकेर के भानुप्रतापपुर में हाथियों का दल अब भी मौजूद (TERROR OF ELEPHANTS) है. हाथी रात होते ही गांव में उत्पात मचाना शुरू कर देते हैं. हाथियों ने कई ग्रामीणों के मकानों को तबाह कर दिया है. वहीं मंगलवार शाम हाथियों के दल ने बैलों को कुचलकर मार डाला. इधर वहां से जान बचाकर भाग रहा एक ग्रामीण घायल हो गया है.

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कांकेर में हाथियों का उत्पाद

कांकेर: भानुप्रतापपुर विकासखंड (Bhanupratappur Block) में हाथियों का एक दल पिछले 15 दिनों से उत्पात मचा रहा (TERROR OF ELEPHANTS) है. सप्ताहभर से ग्रामीणों के घरों को नुकसान पहुंचाने के बाद मंगलवार देर शाम हाथियों ने एक बैल को कुचल कर मार डाला. वहीं हाथियों के डर से भाग रहा युवक पेड़ से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गया.

हाथियों ने बचे मकान भी तोड़े

मंगलवार देर शाम हाथियों ने ग्राम दाबकट्टा (Village Dabkatta) में उन्हीं घरों को फिर से निशाना बनाया, जिन्हें वह पिछली रात नष्ट कर चुके थे. बीती रात हाथियों के तोड़फोड़ से जो मकान थोड़े बहुत बच गए थे, उन्हें फिर से उन्होंने पूरी तरह नष्ट कर दिया.

कांकेर के भानुप्रतापपुर में हाथियों का उत्पात जारी, ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर

हाथियों के दल ने लौटते समय बैलों को कुचला

ग्राम दाबकट्टा में तोड़फोड़ मचाने के बाद हाथियों का दल वापस जा रहा था. रास्ते में ग्राम इरागांव के शिवलाल के बैल उनके सामने आ गए. इन बैलों में से एक को हाथियों ने कुचलकर मार डाला और एक को कुएं में फेंक दिया. इस बैल को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से कुएं से निकाल लिया है. इसके बाद हाथियों का दल ग्राम इरागांव के डोंगरीपारा पहुंचा, तो ग्रामीण रायसिंह कुंजाम हाथियों के डर से रात के अंधेरे में घर से बाहर भागा और पेड़ से टकरा गया. इससे उसका एक हाथ टूट गया. वन विभाग के अनुसार हाथियों के दल में से अधिकांश सदस्य मरदेल की पहाड़ियों को छोड़कर यहां से 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम ऊंच पानी की ओर चले गए हैं.

हाथियों के डर से ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर

कांकेर के भानुप्रतापपुर में हाथियों के डर से ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. ग्रामीण हाथियों से अपनी जान बचाने के लिए जेल के भवन में शरण ले रहे हैं, तो कोई स्कूल भवन में रहने को मजबूर है. भानुप्रतापपुर ब्लॉक मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर हाथियों का झुंड मौजूद है. हाथियों की दहशत इतनी है कि ग्रामीणों को रतजगा करना पड़ रहा है. ग्रामीणों के अनाज और घरों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

यहां हाथियों से बचने के लिए 'जेल' में रहने को मजबूर हैं 400 ग्रामीण

हाथियों से बचने के लिए 'जेल' में रहने को मजबूर हैं 400 ग्रामीण

छत्तीसगढ़ स्थित कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक के पिच्चेकट्टा में उप जेल बनाई गई, लेकिन इस नए जेल में हाथियों के उत्पात के कारण बंदियों से पहले इलाके के ग्रामीणों को शरण लेनी पड़ रही है. करीब 400 लोग कई किलोमीटर पैदल चलकर उप जेल पहुंच रहे हैं और रात इसी जेल में गुजार रहे हैं.

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