कांकेर : जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर तुलतुली गांव के प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों और शाला समिति की कोशिशों ने स्कूल को नई पहचान दी है. कभी नक्सलियों की दहशत की वजह से बच्चों का स्कूल जाना भी दूभर था, लेकिन आज स्कूल के विद्यार्थी कलेक्टर, शिक्षक, डॉक्टर और सिपाही बनने का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ रहे हैं.
ग्रामीण इलाकों से अधिकतर शिक्षकों के स्कूल न पहुंचने जैसी शिकायते आती हैं, लेकिन तुलतुली के प्राथमिक शाला के शिक्षकों ने कुछ ऐसा किया है कि उनकी तारीफ हर तरफ हो रही है.
स्कूल परिसर में शिक्षकों और शाला समिति के प्रयास से एक खूबसूरत मॉडल तैयार किया गया है. जिससे बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ-साथ खेती, सिंचाई और ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जा रही है.
मॉडल के माध्यम से दें रहे जानकारी
खास बात ये है कि शिक्षकों ने कबाड़ के जुगाड़ से मॉडल तैयार किया है, जिसमें तालाब और झरने से बिजली उत्पादन करने के संबंध में जानकारी के साथ मछलीपालन, खेती, सिंचाई के साधन के बारे में बताया गया है. इसके साथ ही सड़क, गाड़ियों का एक मॉडल बनाया गया जिसके माध्यम से यातायात नियमों की जानकारी दी गई है.
प्रधानपाठक ने तैयार करवाया मॉडल
स्कूल के प्रधानपाठक पुनीत राम राणा बताते हैं कि 'बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ इस तरह की शिक्षा देने का प्लान उनके मन में आया जिसके बाद उन्होंने शाला समिति के साथ मिलकर स्कूल के प्रांगण में ही इस पूरे मॉडल को तैयार करवाया ताकि बच्चे रोज इसे देखे और इन सभी विषयों की जानकारी प्राप्त कर सकें'.