कांकेर: कांकेर जिले का एक दिव्यांग किसान रामसाय गावड़े (Farmer Ramsay Gawde) सिस्टम से थक चुका है. पिछले 16 वर्षों से वो अपने 5 एकड़ खेत को बचाने के लिए भटक रहा है लेकिन कहीं उसकी सुनवाई नहीं हो रही है. इस किसान के 5 एकड़ खेतों में 3 वार्डों का गंदा पानी बहकर जमा हो जा रहा है. जिससे ये खेत पूरी तरह दलदल बन चुके हैं. किसान का कहना है कि खेती के सहारे ही उनका परिवार चलता है.
11 एकड़ खेतों में 5 एकड़ उपजाऊ जमीन हुई विषैली
भानुप्रतापपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 13 में पिछले 16 सालों से एक आदिवासी किसान की जमीन लिए बिना ही उसके खेतों को हड़पने की स्थिति बन गई है. कहने को तो ये किसान रामसाय गावड़े 11 एकड़ खेतों का मालिक है. लेकिन अब उसके पास सिर्फ 6 एकड़ खेत ही बचे हैं. जिस पर वह खेती कर रहा है. 5 एकड़ खेत गंदे पानी से बर्बाद हो गए हैं. किसान रामसाय गावड़े बताते हैं कि नगर पंचायत के आधे वार्डों की नालियों का गंदा पानी सीधे उनके खेतों में जा रहा है. गंदे पानी के कारण उनकी पूरी जमीन ना सिर्फ बर्बाद हो गई बल्कि विषैली भी हो गई है.
लगातार गंदे पानी से खेत की जमीन हुई बर्बाद
गावड़े का कहना है कि 16 साल पहले जिन खेतों में वो खेती कर अनाज उगाता था. आज वो किसी लायक नहीं बची है. वार्डों के गंदे नाले के पानी ने उसके पूरे खेत को बर्बाद कर दिया है. इतना ही नहीं बाकी बचे खेतों तक भी गंदा पानी पहुंचने लगा है. जिससे उन्हें बाकी खेतों के भी बर्बाद होने का डर सता रहा है.
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