कांकेर: छत्तीसगढ़ के हर स्कूल में स्थानीय बोली, भाषा को प्राथमिकता देने की घोषणा का हवाला देते हुए मातृभाषा बांगला एवं शिक्षा संग्राम समिति ने बांग्ला भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग कर रहा है.
गोंडी, हल्बी के बाद अब बांग्ला भाषा को भी पाठयक्रम में शामिल करने की मांग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आदिवासी भाषाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा के बाद अब बांग्ला भाषा को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग तेजी से उठने लगी है.
बांग्ला भाषा को भी पाठयक्रम में शामिल करने की मांग
समिति की मांग है कि बांग्ला भाषा की जानकारी एकत्रित कर बांग्ला भाषा को आगामी शिक्षा सत्र में प्रदेश की प्राथमिक शालाओं में शामिल किया जाए. समिति ने बांग्ला भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर रैली भी निकाली.
शिक्षा संग्राम समिति की मांगें :
- प्राथमिक शाला में मातृभाषा बांग्ला भाषा में पढ़ाई हो.
- छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की छापी हुई पुस्तक शिक्षा केंद्रों में वितरिता की जाए.
- प्राथमिक शाला में बांग्ला भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति की जाए.
- बांग्ला भाषा का मूल्यांकन किया जाए.
- अंक सूची में बांग्ला का प्राप्तांक प्रतिशत में जोड़ा जाए.
- छत्तीसगढ़ बोर्ड से बांग्ला भाषा का प्रश्नपत्र छपावाया जाए.
- बोर्ड परीक्षा में अन्य भाषा के तर्ज पर बांग्ला भाषा की प्रायोगिक परिक्षा ली जाए.
- मातृभाषा साहित्य लाइब्रेरी बनाई जाए.
Last Updated : Feb 23, 2020, 3:54 PM IST