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कांकेर: जब लोगों ने दौड़ाया तो कांग्रेसियों को काम याद आया - पानी की समस्या

शहर में जलावर्धन योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई जा रही है, लेकिन काम मे देरी के कारण शहर के लोगों को पानी की परेशानी से जूझना पड़ रहा है. इसी दौरान मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ता लोगों से वोट मांगने पहुंच गए. पानी की किल्लत से परेशान लोग कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देख आगबबूला हो गए और वोट मांगने आये कार्यकर्ताओं को दौड़ा दिया.

कांग्रेस कार्यकर्ता

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Published : Apr 10, 2019, 1:24 PM IST

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कांकेर: लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार पर निकले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जब लोगों ने दौड़ाया तो, कांग्रेसियों को पानी की समस्या याद आई. इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीएचई विभाग कार्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया.

दरअसल, शहर में जलावर्धन योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई जा रही है, लेकिन काम मे देरी के कारण शहर के लोगों को पानी की परेशानी से जूझना पड़ रहा है. इसी दौरान मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ता लोगों से वोट मांगने पहुंच गए. पानी की किल्लत से परेशान लोग कांग्रेस कार्यकर्ताओं को देख आगबबूला हो गए और वोट मांगने आये कार्यकर्ताओं को दौड़ा दिया.

इसपर कांग्रेस कार्यकर्ता लोगों को समझाते हुए खुद पीएचई विभाग के कार्यालय पहुंच गए और जमकर काम में देरी को लेकर जमकर हंगामा किया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 18 अप्रैल तक काम पूरा करने की चेतावनी भी दी है.

सीसी सड़क पूरी तरह बर्बाद
कंग्रेस के पार्षद रमेश ने बताया कि, पाइप बिछाने के लिए जगह-जगह गड्ढे खोद कर छोड़ दिए गए हैं. नगर पालिका की सीसी सड़क को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है. रमेश ने नगर पालिका के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर व्यवस्था जल्द नहीं सुधरी जाती है तो कांग्रेस आक्रामक आंदोलन करेगी.

गड्ढों के कारण रोजाना होते हैं हादसे
शहर से कुछ दूरी पर दशपुर गांव में महानदी के पानी को इक्कठा कर शहर में पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है, लेकिन काम की सुस्त रफ्तार के कारण अब तक पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा नहीं हो सका है. इधर, पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढों के कारण रोज हादसे हो रहे हैं.

24 करोड़ 54 लाख की लागत से हो रहा निर्माण
शहर में जलावर्धन योजना के तहत पानी सप्लाई के लिए 24 करोड़ 54 लाख रुपये की लागत से पाइप लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है, लेकिन कुछ समय से काम बंद पड़ा हुआ है. यह काम 2016 में ही पूरा होना था, लेकिन अधिकारी कहते हैं कि, महंगे टेंडर की वजह से कई बार टेंडर रद्द कर दिया गया था. इसके कारण काम में देरी हुई है. अधिकारियों का कहना है कि, दिसंबर 2019 तक ये काम पूरा हो जाएगा.

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