सीएम भूपेश ने वनवासियों को बताया जंगल का मालिक कांकेर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भानुप्रतापपुर में आदिवासी समाज के वार्षिक सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए. सीएम के पहुंचने पर समाज ने मांदरी नृत्य के साथ स्वागत किया. भूपेश बघेल ने पहले बूढ़ादेव की पूजा की और लोगों की खुशहाली की कामना की. मुख्यमंत्री ने 14 करोड़ 47 लाख रुपये के 146 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया.
मेडिकल कॉलेज का नाम बदला : मुख्यमंत्री ने कांकेर मेडिकल कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नाम करने और संबलपुर स्टेडियम का नाम दिवंगत नेता मनोज मंडावी के नाम करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि ''दिवंगत नेता मनोज मंडावी की इच्छा थी. आज उनकी इच्छा पूरी कर रहा हूं. आदिवासी समाज वनवासी ही नहीं है बल्कि आदिवासी जल, जंगल, जमीन के मालिक हैं. जिनके संरक्षण के लिए लगातार काम कर रहे हैं. हमारी कांग्रेस की सरकार ने आदिवासियों को वन अधिकार पत्र दिया. लोहंडीगुड़ा में जमीन वापस कराया. कांग्रेस संस्कृति, परम्परा को बचाने का काम कर रही है.
आदिवासी संस्कृति को बताया धरोहर : सीएम बघेल ने कहा कि ''आदिवासी समाज के आदि संस्कृति के बाद ही दूसरे धर्म सामने आए .सरकार आदिवासियों की धर्म संस्कृति प्राचीन परंपरा को संरक्षण देने का काम कर रही है. प्रकृति की सेवा करना हम सबका दायित्व है. आदिवासी जल, जंगल, जमीन को लेकर काफी सजग हैं. इसे बचा कर रखने का काम कर रहे हैं . बस्तर में अब शांति आ रही है. भाजपा के शासनकाल में आदिवासियों को जेल भेजने का काम हुआ था. लेकिन अब शांति से कहीं भी आ जा सकते हैं. पहले हम कोयलीबेड़ा, दुर्गुकोंदल, अंतागढ़ नहीं जाते थे. अब आसानी से आ जा सकते हैं.''
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आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी सभा को संबोधित किया. कवासी लखमा ने कहा कि ''आदिवासियों को वनवासी कहना गलत है. वे जंगल के भगवान हैं. आदिवासी यहां का भगवान होता है. वनवासी जो बोलेगा, उसे गांव में घुसने नहीं देना है. हमारी सरकार लगातार आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने के लिए काम कर रही है.''