कांकेर : छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए बस्तर को सत्ता की चाबी माना गया है.ऐसा माना जाता है कि बस्तर संभाग की सीटों पर जिस पार्टी का दबदबा रहता है, वही सरकार बनाती है.ऐसे में बस्तर संभाग की सीटों के लिए प्रत्याशियों का चुनाव काफी सोच विचार करने के बाद किया जाता है. बीजेपी ने चुनाव की तारीख घोषणा होने से पहले ही अपनी प्रत्याशियों की सूची जारी की है.जिसमें 21 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है. इन प्रत्याशियों में कांकेर विधानसभा से भी उम्मीदवार का चुनाव हुआ है.इस सीट पर बीजेपी ने आशाराम नेताम को उम्मीदवार बनाया है.
कौन हैं आशाराम नेताम ? : आशाराम नेताम बीजेपी के युवा नेता हैं. वह अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष के तौर पर कांकेर में काम कर रहे हैं. जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर बेवरती गांव में आशाराम नेताम रहते हैं. 1998 में आशाराम ने बीजेपी पार्टी की सदस्यता ली. इसके बाद ग्रामीण मंडल में 10 साल तक पार्टी के मुद्दों को लोगों तक पहुंचाया. साल 2010 में आशाराम नेताम को महामंत्री ग्रामीण का पद मिला. 2014 में आशाराम को मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. 2015 में आशाराम जनपद सदस्य पद में निर्विरोध चुनाव जीते. 2016 में तुलसी मानस प्रतिष्ठान ब्लॉक के अध्यक्ष बने. 2020 में कांकेर से अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष बने. मौजूदा समय में आशाराम कांकेर के गोंड आदिवासी समाज में सलाहकार के रूप में भी निर्वाचित हैं.आशाराम ने बताया कि उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है.मीडिया के जरिए उन्हें टिकट की जानकारी मिली.
"मुझे तो पता भी नहीं था कि मैं उम्मीदवार बनाया गया हूं. मीडिया के माध्यम से पता चला. चुनाव जीतने के लिए पूरी मेहनत करेंगे. हमारे कार्यकर्ता हमारा परिवार है. चुनाव मैदान में कांग्रेस सरकार की नाकामियों को लेकर जनता के बीच जाएंगे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतिम व्यक्ति की चिंता करते हुए हर घर पानी देने के तहत नल जल योजना दिया, गरीबों को पक्का मकान दिया, इलाज के लिए पांच लाख दिए, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इन योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने दिया.'' आशाराम नेताम, बीजेपी प्रत्याशी, कांकेर
कांग्रेस के झूठे वादों को लेकर जाएंगे जनता के बीच :आशाराम नेताम के मुताबिक केंद्रीय योजनाओं का आम जनता को सही लाभ नहीं मिल पा रहा है. कांग्रेस ने जो वादे किए थे, उनमें अधिकतम वादे पूरे नहीं हुए. एक दो वादे पूरा करके वाहवाही लूटने लगे हैं, जमीनी हकीकत अलग है. कांग्रेस के पौने पांच साल के कार्यकाल में केवल भ्रष्टाचार ही हुआ है, सब जगह भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है. डीएमएफ राशि का जमकर बंदरबाट हुआ है.
कांकेर विधानसभा का इतिहास : छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद कांकेर विधानसभा में चार बार चुनाव हुए.जिसमें बीजेपी और कांग्रेस दो-दो बार जीत चुकी है.