कांकेर:5 दिवसीय बस्तर प्रवास पर पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पीसी में साय ने दिल्ली- गाजीपुर बॉर्डर पर में चल रहे किसानों के आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन कह दिया. साय ने कहा कि ये आंदोलन किसानों का नहीं है, आंदोलन में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं.
विष्णु देव साय की प्रेस वार्ता 'किसान आंदोलन में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे'
विष्णु देव साय ने कहा कि किसान तो कृषि बिल के समर्थन में है, दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर जो आंदोलन कर रहे है उन्हें कांग्रेस भड़का रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी, कम्युनिस्ट सब एक होकर प्रधानमंत्री जी के पीछे पड़ गए है. साय ने कहा कि किसान आंदोलन में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लग रहे है, ऐसे में इस आंदोलन को किसान आंदोलन कैसे कहेंगे.
'छत्तीसगढ़ में किसान कांग्रेस सरकार से परेशान'
साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसान कांग्रेस सरकार से परेशान है. धान खरीदी में जगह जगह बारदाने की कमी से किसान अपना धान नहीं बेच पा रहे है. आलम ये है कि किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे है. साय ने कहा कि 13 जनवरी को धान खरीदी को लेकर बीजेपी सड़क पर उतर चुकी है. अब 22 जनवरी को जंगी प्रदर्शन भारतीय जनता पार्टी जिला मुख्यालय में करेगी.
छ्त्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष विष्णु देव साय 5 दिवसीय बस्तर जिले के दौरे पर हैं. 2 दिन कांकेर में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, और कोंडागांव के लिए रवाना हो गए.
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इससे पहले राजनांदगांव में सांसद संतोष पांडेय ने किसान आंदोलन को लेकर दिए विवादित बयान को फिर से दोहराया. उन्होंने फिर से कहा कि दिल्ली की सीमाओं में चल रहे किसान आंदोलन में सिंघु बार्डर पर खालिस्तान के झंडे दिख रहे हैं. किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया गया है. उन्होंने पूछा कि क्या इसे किसान आंदोलन कहेंगे?
एक पंचांग विमोचन में खैरागढ़ रेस्ट हाउस पहुंचे सांसद संतोष पांडेय ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बयान दिया है. यहां उन्होंने कहा कि 'मैंने खैरागढ़ में जो बयान दिया था, उस पर अडिग हूं, वहीं फिर कह रहा हूं, सिंघु बॉर्डर में खालिस्तान के झंडे दिख रहे हैं, जिसमें बेअंत सिंह के हत्यारे का फोटो लगा हुआ है'. वहीं वरवरा राव को रिहा कराने नारे लग रहे हैं. साथ ही उमर खालिद और सर्जिल इमाम को रिहा कराने नारे लग रहे हैं.
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सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि यही मैंने उस दिन भी कहा था और आज फिर कह रहा हूं. किसानों की भीड़ में उनके आंदोलन को हाइजैक कर लिया गया है. यहीं वजह है कि अब देश को सतर्क रहना चाहिए. जिस प्रकार एक छोटे से कोने में साहिन बाग हुआ. आज दिल्ली के चारों तरफ ये चल रहा है. आगमी गणतंत्र दिवस को देखते हुए हमको अलर्ट रहने की जरूरत है.
खैरागढ़ में दिया था ये बयान
सांसद संतोष पांडेय ने 9 जनवरी को किसान आंदोलन में खालिस्तानियों के बैठने और उन्हें विदेशी फंडिंग होने का दावा किया था. जिसे उन्होंने फिर से दोहराया है. इस बयान के बाद कांग्रेस के अलावा अन्य राजनीतिक पार्टियों ने सांसद के बयान का विरोध किया था. विरोध स्वरूप जिलेभर में सांसद पांडेय का पुतला दहन भी किया गया था.