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Antagarh Congress political Equation: कांग्रेस नेता अनूप नाग हुए बागी, लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव, जानिए किसको मिलेगा फायदा, किसे होगा नुकसान

Antagarh Congress political Equation: अंतागढ़ विधायक अनूप नाग को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है. यही कारण है कि अनूप नाग ने बगावत कर दिया है. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

Antagarh Congress political Equation
अंतागढ़ में कांग्रस का सियासी समीतकरण

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 19, 2023, 6:52 PM IST

कांकेर:छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं. इस बीच सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. कांकेर जिले की अंतागढ़ विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा में है. कांग्रेस ने अनूप नाग का टिकट काटकर नए चेहरे रूपसिंह पोटाई को मौका दिया है. जिसके बाद विधायक अनूप नाग अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने इस सीट पर विक्रम सिंह उसेंडी को टिकट दिया है.

अंतागढ़ में पंखाजुर इलाका है मेन वोट बैंक:अनूप नाग के बागी होने से अंतागढ़ विधानसभा में बीजेपी को कितना फायदा मिलेगा और कांग्रेस को कितना नुकसान होगा? इसे जानने के लिए आइए एक नजर डालते हैं पिछले चुनावी समीकरण पर. अगर अंतागढ़ क्षेत्र पर हम फोकस करते हैं तो क्षेत्र में पड़ने वाला पखांजुर को अंतागढ़ क्षेत्र का मेन वोट बैंक कहा जाता है. क्योंकि अन्तागढ़ विधानसभा में होने वाले मतदान में एक तिहाई मतदान पखांजुर इलाके से होता है. पखांजुर इलाके के मतदाताओं की मांग रही है कि विधायक पखांजुर इलाके से हो. ताकि क्षेत्रीय मुद्दों को गंभीरता से समझे और समस्याओं का निपटान करें.इस बार भी यहां के लोग लोकल विधायक ही चाहते हैं.

बिगड़ सकता है कांग्रेस का चुनावी समीकरण:इस बारे में विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने पॉलिटिकल एक्सपर्ट राजेश हालदार से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "अंतागढ़ विधानसभा में पिछले 15 सालों से भाजपा का दबदबा था. हालांकि साल 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी अनूप नाग ने यहां से जीत हासिल की थी. उस समय अनूप नाग परलकोट क्षेत्र के लिए एक नया नाम और चेहरा थे. फिर भी उन्होंने विक्रम सिंह उसेंडी को यहां से परास्त किया था. विधायक बनने के बाद से ही अनूप नाग हमेशा क्षेत्र का दौरा करते रहे. लोगों से संपर्क साधते रहे. यही कारण है कि क्षेत्र में उनकी अच्छी खासी पहचान है. 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए लोग उन्हें विधायक के रूप में कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार मान रहे थे. हालांकि कांग्रेस ने अंत में नए चेहरे रूप सिंह पोटाई को टिकट दे दिया. इससे अनूप नाग के समर्थक नाराज चल रहे हैं. अनूप नाग अब अंतागढ़ विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. अनूप नाग यदि चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस के वोट बैंक पर इसका खासा असर पड़ सकता हैं. क्योंकि अनूप नाग ने पिछले 5 सालों में क्षेत्र में लगातार लोगों के बीच बने रहे.इतना ही नहीं कोरोना काल में भी इन्होंने क्षेत्र में काफी काम किया है.अनूप नाग का निर्दलीय चुनाव लड़ना कांग्रेस का चुनावी समीकरण बिगाड़ सकता है."

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अंतागढ़ क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या: अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 75 हजार 965 है. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 88512 है. जबकि महिला मतदाओं की संख्या 87445 है. इसके साथ ही यहां 8 थर्ड जेंडर के भी मतदाता हैं. क्षेत्र में पोलिंग बूथों की कुल संख्या 221 है. इसमें 131 पोलिंग बूथ पंखाजुर इलाके में हैं. इन मतदान केंद्रों को तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें सामान्य 41, अतिसंवेदनशील 53 और संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या 37 है.

साल 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम:अंतागढ़ बीजेपी का गढ़ था. हालांकि साल 2018 में बीजेपी के इस गढ़ में कांग्रेस के अनूप नाग सेंध लगा दिया. 2018 में अनूप ने इस सीट से जीत हासिल की थी. अनूप नाग ने 13,414 मतों के अंतर से यहां से जीत हासिल की थी. अनूप को 57,061 वोट मिले थे जबकि विक्रम सिंह उसेंडी को 43,647 वोट मिले थे.

बता दें कि कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा सीट पर 2023 का विधानसभा चुनाव काफी रोमांचक होने वाला है. जहां एक ओर अनूप नाग बागी हो गए हैं. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने भी क्षेत्र में जीत को लेकर जबरदस्त तैयारी कर ली है. इधर कांग्रेस पार्टी ने नए प्रत्याशी के दम पर चुनाव जीतने का दावा किया है. इसले अलावा क्षेत्र की जनता की मांग है कि यहां का विधायक स्थानीय होना चाहिए. अगर अनूप नाग निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो इसका असर कांग्रेस के वोट बैंक पर पड़ सकता है.

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