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aeroplane made by junk : बस्तर के छोरे का कमाल, कबाड़ से बनाया उड़न खटोला ! - Sujit Majumdar

कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र के एक छोटे से गांव स्वरुपनगर पीवी 62 में रनवे भले ही न हो. लेकिन गांव के होनहार ने ऐसा कमाल कर दिखाया है.जिससे गांव का नाम दूर तक मशहूर हो गया है. इस गांव के अजूबे को देखने लिए अब लोगों का हुजूम यहां आने लगा है.

aeroplane made by junk in kanker
कबाड़ से बनाया उड़न खटोला कमाल

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Published : Mar 5, 2023, 12:03 AM IST

कबाड़ से विमान !

कांकेर: स्वरुपनगर गांव के एक युवक ने ऐसा कारनामा किया कि हर कोई इसकी पीठ थपथपा रहा है. दूर दूर से लोग इस युवक का करिश्मा देखने यहां आ रहे हैं. गांव के होनहार युवक ने करीबन दो साल तक दिन रात मेहनत के बाद एक हवाई जहाज बनाया है. इस युवक का नाम है सुजीत मजूमदार.इस हवाई जहाज को सुजित मजूमदार ने खुद अपने हाथों से बनाया है.

कैसे बना हवाई जहाज :इस जहाज को बनाने के लिए थर्माकोल, सेलो टेप, फेविकोल, साइकिल का स्पोक, साइकिल के ट्यूब के वाल ट्यूब, एक्सरे फोटो फ़िल्म शीट, छतरी का तार, परीक्षा बोर्ड, रेडियम शीट, एक बैटरी, 5 नग मोटर, एक पंखा और चलाने के लिए एक रिमोट कंट्रोल डिवाइस इन चीजों का उपयोग किया गया है. जिसके बाद ये हवाई जहाज हवा में करीब 2 किलोमीटर हवाई रेंज की दूरी तय करता है.साथ ही साथ लगभग 500 मीटर की ऊंचाई तक जा सकता है. ये हवाई जहाज तकरीबन आधे घंटे तक हवा की सैर करता है. उसके बाद सुरक्षित लैंडिंग करता है.

कैसे ऑपरेट होता है हवाई जहाज :सुजित मजूमदार ने बताया कि ''इसे एक रिमोट के जरिए ऑपरेट किया जाता है. ये हवाई जहाज हर वो काम कर सकता है, जो ड्रोन करता है. लेकिन वर्तमान में इस हवाई जहाज में कैमरा फिट नहीं किया गया है. इस जहाज में अगर कैमरा फिट कर दिया जाए, तो ये शूटिंग और दुर्गम स्थानों की तस्वीरें लेने का भी काम कर सकता है.''

कैसे आया हवाई जहाज बनाने का ख्याल : बता दें कि सुजित बचपन मे खेलने के लिए एक हवाई जहाज खरीदना चाहता था.घर में पैसों की तंगी ने वो सपना पूरा नहीं होने दिया.सुजित ने इलेक्ट्रॉनिक में पोलिटेक्निक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. गरीबी के चलते सुजीत अपने आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाया. लेकिन जीवन कुछ करने की इच्छा मन में बनी रही. लॉकडाउन के दौरान घर में बैठे बैठे हवाई जहाज बनाने की तरकीब दिमाग में आई.

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पैसे इकट्ठा करके पूरा किया सपना :सुजित नेदो साल तक पाई-पाई जोड़कर करीबन 10 से 12 हजार रुपए जमा किए और फिर देसी जुगाड़ और कबाड़ से हवाई जहाज बना डाला. इस करिश्मे के बाद सिर्फ परिवार ही नहीं पूरे गांव को इस होनहार पर नाज है.वैसे सुजित का मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि वह अब इस हवाईजहाज को मोबाइल से ऑपरेट और जीपीएस तकनीक देने की कोशिश में जुटा है.

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