छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Kanker News : मानसिक बीमार लड़की को बेड़ियों से जकड़ा, प्रशासन की मदद से हुई आजाद - सरोना

कांकेर के सरोना में एक मानसिक बीमार युवती के साथ बेरहमी की तस्वीर देखने को मिली है.युवती को इलाज के नाम पर बेड़ियों से जकड़कर रखा गया था.जिसे महिला एवं बाल विकास की टीम ने आजाद करवाया.

mentally ill girl got freedom from shackles
मानसिक बीमार युवती को बेड़ियों से मिली आजादी

By

Published : May 26, 2023, 1:40 PM IST

Updated : May 26, 2023, 6:40 PM IST

मानसिक बीमार युवती को बेड़ियों से मिली आजादी

कांकेर : दुनिया कितनी भी आगे क्यों ना बढ़ जाए,लेकिन आए दिन ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं जो समाज का दूसरा ही चेहरा पेश करती है. इस बार एक बेटी को उसकी मानसिक बीमारी की सजा भुगतनी पड़ी.जिसमें परिवार के लोगों ने उसे इलाज के नाम पर बेड़ियों से बांध दिया. जब इस मामले की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग तक पहुंची तो तत्काल मानसिक बीमार युवती को बेड़ियों से आजाद करवाया गया.

कहां का है मामला : जिले के सरोना क्षेत्र में एक अमानवीय मामला सामने आया. मानसिक रूप से कमजोर एक युवती को इलाज के नाम पर बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया था. कांकेर कलेक्टर के संज्ञान में ये मामला आया.जिसके बाद कलेक्टर ने तुरंत महिला एवं बाल विकास टीम को इस बारे में सूचना देकर कार्रवाई करने को कहा.जिसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लड़की को बेड़ियों से मुक्त करवाया. वहीं जिस बैगा ने इस तरह का इलाज करने की सलाह दी थी. उसे टीम ने वॉर्निंग दी है.

बैगा ने लगाई थी बेड़ियां :महिला एवं बाल सरंक्षण अधिकारी रीना लारिया ने बताया कि ''सरोना में एक बैगा ने मानसिक रूप से कमजोर लड़की के पैरों में बेड़ियां लगाकर रखा था. बैगा से पूछताछ में बताया कि लड़की भानुप्रतापपुर क्षेत्र की रहने वाली है. जो मानसिक रूप से कमजोर है. मानिसक रूप से कमजोर होने के कारण लड़की बार-बार भाग जाती थी. इसका इलाज झाड़-फूंक और जड़ी बूटी के जरिए किया जा रहा है.''

  1. Rajnandgaon News: महिला की मौत ने लिया राजनीतिक रंग
  2. ईडी के छापे के बाद दुकानों से ब्रांडेड शराब गायब, खपाई जा रही मध्य प्रदेश की शराब
  3. Dhamtari News: धमतरी के तालाब में हाथियों का जमावड़ा

20 साल से बैगा कर रहा मनोरोगियों का इलाज: बैगा ने 20 साल से मानिसक कमजोर लोगों का इलाज करना स्वीकार किया है. महिला बाल विकास की टीम ने लड़की की बेड़ियां पैरों से खुलवाकर परिजनों को सौंपा . वहीं पूरे मामले में बैगा को समझाइश देकर नोटिस जारी कर जवाब मांगने की बात कही है. आजादी के 75 साल बाद भी आज भी उत्तर बस्तर कांकेर में अंधविश्वास चरम सीमा में है. लोग आज भी झाड़ फूंक के रास्ते इलाज कराने का रास्ता देखते हैं. जिला प्रशासन लगातार अंदरुनी क्षेत्रों में अंधविश्वास के प्रति जनजागरूकता अभियान चला रही है.लेकिन इस तरह की तस्वीरें हर बार ये सोचने को मजबूर करती हैं कि अंधविश्वास की जड़े कितनी गहरीं हैं.

Last Updated : May 26, 2023, 6:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details