कांकेर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने जा रही है. वहीं 27 नवंबर से किसानों को धान बेचने के लिए टोकन दिया जा रहा है. हैरत की बात ये है कि पिछले साल का धान अभी संग्रहण केंद्रों से उठाया नहीं गया है. ऐसे में हजारों क्विंटल धान सड़ने के कगार पर है. जबकि अब नए धान को रखने के लिए जगह नहीं दिख रहा है.
धान संग्रहण केंद्रों में बदइंतजामी कांकेर के धान खरीदी संग्रहण केंद्रों में धान पड़े-पड़े सड़ रहा है. हजारों बारदाने खराब हो चुके हैं. कांकेर जिले के तीन संग्रहण केंद्रों में करीब 80 हजार क्विंटल धान संग्रहण किया गया है. मिलर्स ने उठाने में लेटलतीफी की, जिससे सैकड़ों क्विंटल धान बर्बाद होने की कगार पर है.
पढ़ें: SPECIAL: सरकार के ऐतिहासिक धान खरीदी के दावों पर विपक्ष के सवाल, ऐसी हैं तैयारियां
तीन संग्रहण केंद्रों में 80 हजार क्विंटल धान
जिला विपणन अधिकारी प्रवीण पैकरा ने बताया कि पिछले साल 28 लाख क्विंटल धान की खरीदी हुई थी. उसमें से 27 लाख क्विंटल धान संग्रहण केंद्रों से उठाया जा चुका है. अभी भी तीन संग्रहण केंद्रों में 80 हजार क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया है. अधिकारी धान सड़ने की बात से इंकार कर रहे हैं. बल्कि बारदानों को दो तीन बार इस्तेमाल में लाए जाने से सड़ने की बात कह रहे हैं.
पढ़ें: 31 जनवरी तक होगी धान खरीदी, छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 के प्रारूप का अनुमोदन
पुराने बारदाने के सहारे होगी धान खरीदी
बता दें कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष अधिकांश धान खरीदी का कार्य पुराने बारदाने के सहारे ही होना है. धान खरीदी के लिए पीडीएस और मिलर्स से मिलने वाले बारदाने के साथ नए बारदाने भी मंगाए गए हैं. सभी को मिलाकर धान खरीदी की जाएगी. जिले में 12 लाख 56 हजार नए बारदाने उपलब्ध हैं. साथ ही 21 लाख 40 हजार 536 बारदाने प्राप्त हुए हैं. साथ ही खरीदी के लिए पीडीएस बारदाने भी उपलब्ध हैं, लेकिन इसके बाद भी खरीदी के दौरान बारदाने की कमी होती है, तो खरीदी कार्य प्रभावित हो सकता है.