कवर्धा: कोरोना संक्रमण की वजह से जारी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशान मजदूर वर्ग है. सरकार प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के दावे कर रहा है, बावजूद इसके अब भी घर जाने के लिए मजदूरों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पंडरिया ब्लॉक के स्कूलों और छत्रावासों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. यहां दूसरे राज्यों से आए मजदूरों को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. लेकिन यहां कुछ मजदूरों को आए हुए 17 दिन बीत चुके हैं, फिर भी उन्हें उनके घर नहीं पहुंचाया जा रहा. ऐसे में मजदूर अपने-अपने घर जाने की मांग कर रहे हैं.
इसके साथ ही नए लोगों के क्वॉरेंटाइन सेंटर में आने से इन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. एक दिव्यांग मजदूर जो साइकिल से अपने परिवार के साथ 15 रोज पहले क्वॉरेंटाइन सेंटर में आया था, उसे भी अभी तक घर जाने की अनुमति नहीं मिली है. बता दें कि इस मजदूर ने हजार किलोमीटर का सफर अपनी साइकिल से ही किया था.
नहीं मिलता खाना
मजदूरों ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोई पूछने भी नहीं आता. दिन में बड़ी मुश्किल से उन्हें भोजन मिलता है. प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उनको न राशन मिलता है और न ही खाना मिल रहा है.