कम बारिश से कवर्धा के जलाशयों में 80 फीसदी जलभराव भी नहीं, गहरा सकता है जल संकट - kawardha news
कवर्धा जिले में कम बारिश होने के कारण जल संकट का खतरा मंडरा रहा है. एक तरफ मानसून भी अब लौटने वाला है. वहीं जिले के पांचों जलाशयों में अभी तक 80 प्रतिशत भी जल भराव नहीं हो पाया है. जबकि विभाग की ओर से किसानों को नहरों से मिलने वाला पानी भी बंद कर दिया गया है. इस कारण किसानों के सामने सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
कवर्धा के जलाशय
By
Published : Sep 16, 2021, 4:55 PM IST
कवर्धा :जिले में कम बारिश होने के कारण जिले के जलाशयों में कम जलभराव (low waterlogging) हुआ है. मानसून भी अब लौटने वाला है. इन सबके बीच जिले के किसानों को सिंचाई के लिए मिलने वाला पानी भी बंद कर दिया गया है. इस कारण एक तरफ जहां किसानों को परेशानी हो सकती है, वहीं पीने के पानी का भी संकट (water crisis) उत्पन्न हो सकता है. बता दें कि जिले में कुल मिलाकर पांच बडे़ जलाशय हैं, बावजूद इसके अगर अच्छी बारिश नहीं हुई तो किसानों के सामने सिंचाई के लिए हो जल संकट की समस्या उत्पन्न हो सकती है.
कवर्धा के जलाशय
दरअसल, कवर्धा जिले से मानसून अब लौटने वाला है, लेकिन इस वर्ष कम वर्षा होने के कारण जिले के पांचों बड़े जलाशय सरोधा जलाशय, कर्रानाला जलाशय, सुतियापाट जलाशय, छिरपानी जलाशय और बैहराखार जलाशय में अबतक 80 प्रतिशत जलभराव भी नहीं हुआ है. साथ ही बारिश नहीं होने के कारण किसानों को सिंचाई के लिए इन जलाशयों से नहर के माध्यम से दिया जा रहा पानी भी बंद कर दिया गया है. हालांकि मानसून लौटते हुए मेहरबानी दिखा रहा है, लेकिन यह खेतों की सिंचाई के लिए नाकाफी होगा.
जिले में पिछले तीन-चार दिनों से बारिश हो रही है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. जबकि सरोधा जलाशय और छीरपानी जलाशय से सिंचाई के अलावा प्रतिदिन हजारों मिलीलीटर पानी सरोधा से कवर्धा नगरपालिका क्षेत्र और छीरपानी से बोड़ला नगर के लोगों के पेयजल के लिए सप्लाई किया जाता है. जिसे फिल्टर प्लांट से फिल्टर कर नगर में सप्लाई किया जाता है. यही कारण है सिंचाई विभाग की ओर से पिछले कुछ दिनों से सिंचाई के लिए खोले गए नहर को फिर से बांद कर दिया गया है. ताकि जल संकट होने पर पेयजल के लिए पर्याप्त पानी मिल सके. जबकि पिछले वर्ष 100 फीसदी जलभराव हुआ था, जिससे जलाशयों से उलट (ओवरफ्लो) चालू हो गया था.
किस जलाशय में कितना जलभराव
जलाशय
जलभराव की स्थिति (प्रतिशत में)
छीरपानी जलाशय
77%
सरोधा जलाशय
88%
कर्रानाला जलाशय
35%
सुतियापाट जलाशय
65%
बहेराखार जलाशय
67%
अभी तक कितनी हुई बारिश
जिले में 01 जून से 15 सितम्बर तक कुल 768.8 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है. जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 842.7 मिलीमीटर बारिश हुई थी. इसके चलते जिले के सभी जलाशय लबालब भर चुके थे. मुख्य रूप से रेंगाखार तहसील में औसत से भी कम बारिश हुई है.
जलाशय में जलभराव नहीं हुआ तो होगा संकट!
जिले में कम बारिश होने के कारण जलाशयों में कम जलभराव हुआ है. लौटता मानसून अगर जिले में मेहरबानी दिखा देता है तो और जलभराव हो सकता है. हालांकि शनिवार से जिले में बारिश हो रही है, लेकिन इतनी बारिश पर्याप्त नहीं है. हालांकि सिंचाई विभाग के अधिकारी अंदाजा लगा रहे हैं कि जिले में सिंचाई और पेयजल के लिए जल संकट नहीं होगा, लेकिन सच्चाई वर्तमान स्थिति के अनुसार चिंताजनक है.