कबीरधाम: जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोड़ार गांव के ग्रामीण चुनौतियों से जूझ रहे हैं. इस गांव से सकरी नदी होकर गुजरती है और इसी नदी के तट पर गांव की बसावट है. तेज बहाव के कारण नदी का कटाव लगातार बढ़ता जा रहा है और लगभग ग्रामीणों के मकान तक पहुंच चुका है, जिसकी वजह से घर से निकलते ही ग्रामीणों को उनकी जान खतरे में नजर आती है. साथ ही मौजूदा स्थिति भयावह होती जा रही है, जब ग्रामीण अपने मकान से निकलते हैं तो एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रखते हैं. क्योंकि एक कदम गलती से इधर से उधर हुआ तो उन्हें जान गंवानी पड़ सकती है. यही कारण है कि ग्रामीण दहशत में हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अपनी जान का खतरा बना ही रहता है. इसके अलावा सबसे ज्यादा मकानों के ढह जाने का डर सताने लगा है. हाल ही में भारी बारिश के कारण नदी अपना विकराल रूप दिखा चुकी है. ऐसे में मकान कब ढह जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है. घर का दरवाजा खाई का रूप लेते जा रही और नदी का बहाव भी तेज है. ग्रामीण इतनी दहशत में हैं कि बिना कोई कारण अपने घर से बाहर तक नहीं निकलते. इसके अलावा जब ग्रामीण अपने रोज के काम और खेती-बाड़ी के लिए घर से बाहर निकलते हैं तो बच्चों की देखभाल के लिए किसी एक सदस्य को घर पर ही छोड़कर जाते हैं, ताकि बच्चे घर से बाहर न निकल सके.
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