कवर्धा : पुलिस की मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने एक साल पहले जिस ग्रामीण की बेरहमी से हत्या कर दी थी, उसका परिवार आज भी मुआवजे और नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. वहीं इन सब से तंग आकर मृतक के बेटे ने आत्महत्या करने की चेतावनी दी है.
एक साल बाद भी नहीं मिला मुआवजा बता दें कि 25 अगस्त 2018 को बोल्दा गांव के रहने वाले हेमप्रसाद शर्मा की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में बेरहमी से हत्या कर दी थी, जिसके बाद शासन-प्रशासन ने मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी और उचित मुआवजा देने की बात कही थी, लेकिन घटना के एक साल बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को किसी प्रकार का कोई मदद नहीं मिली है.
परिवार का गुजर करना हो गया है मुश्किल
मामले में पीड़ित के बेटे का कहना है कि 'नक्सलियों के डर की वजह से वो अपने परिवार के साथ उस गांव को छोड़कर किसी दूसरी जगह शिफ्ट हो गया है और अब परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है'.
नौकरी और मुआवजे की कई बार कर चुके है मांग
वहीं मृतक के बेटे ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'मुआवजे और नौकरी की मांग को लेकर वह कई बार कलेक्टर और एसपी के दफ्तर का चक्कर काट चुका है, बावजूद इसके उसे कोई राहत नहीं मिली है'. प्रशासन की अनदेखी से परेशान होकर गुरुवार को मृतक का बेटे ने मंत्री मोहम्मद अकबर से न्याय की गुहार लगाई है.
दोषियों पर जल्द की जाएगी कार्रवाई
वहीं मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि 'मामले को संज्ञान में ले लिया गया है जांच के बाद जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी'.