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कवर्धा: प्रशासन की बड़ी लापरवाही, कोटा से लौटे बच्चों का खाना कूड़ेदान में फेंका

राजस्थान के कोटा से वापस लौट रहे बच्चों के लिए बनवाया गया भोजन जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण कूड़ेदान में डाल दिया गया. समय से पहले खाना बनवाने की वजह से 2 हजार 500 पैकेट खाना खराब हो गया था, जिसे फेंकना पड़ गया.

Thousands of packets thrown in the trash
हजारों पैकेट कूड़ेदान में फेंका

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Published : Apr 29, 2020, 1:13 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 1:20 PM IST

कवर्धा:जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. राजस्थान के कोटा से वापस लाए गए छात्रों के लिए बनाए गए भोजन को कूडे़दान में फेंकना पड़ गया. दरअसल प्रशासन ने समय से पहले ही भोजन को बनवाकर रख लिया था, जिससे बच्चों के आने तक वो खराब हो गया. जिसके बाद भोजन के 2 हजार 500 पैकेट को कूड़ेदान में फेंक दिया गया. इस मामले में प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है.

बच्चों को नसीब नहीं हुआ खाना

बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में राजस्थान के कोटा में पढ़ रहे छात्रों को सकुशल अपने घर लाने के लिए पहल की है. कोटा से वापस लौट रहे छात्र-छात्राओं के लिए जिला प्रशासन को ठहरने और खाने का इंतजाम करना था. जिला प्रशासन ने स्टूडेंट्स के लिए अच्छी क्वॉलिटी के 2 हजार 500 पैकेट भोजन बनवाए थे, लेकिन उन्हें भोजन नसीब नहीं हो पाया और खराब हो जाने के कारण इसे कूडे़ेदान में फेंकना पड़ गया. जहां एक तरफ देश में हजारों-लाखों लोग भूख से जूझ रहे हैं, वहीं लापरवाही के कारण हजारों लोगों के खाने को कूड़ेदान में फेंक दिया गया.

छात्रों को नहीं मिला खाना

बता दें कि कवर्धा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर है. यहां से रोजाना सैकड़ों मजदूर लॉकडाउन के कारण पैदल ही अपने राज्य भूखे-प्यासे जाते हैं. ये बोडला चिल्फी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जहां लॉकडाउन के कारण आदिवासी बैगा परिवार बेरोजगार हो गए हैं और इन्हें सामाजिक संगठनों के भरोसे दो वक्त का खाना नसीब हो रहा है.

Last Updated : Apr 30, 2020, 1:20 PM IST

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