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हर हर महादेव: छत्तीसगढ़ के 'खजुराहो' में महाशिवरात्रि पर अलग होता है भोले का रूप - bhoramdev temple

छत्तीसगढ़ के 'खजुराहो' के नाम से जाने जाने वाले भोरमदेव मंदिर को 11 वीं शताब्दी में नागवंशी राजाओं ने बनाया गया था. जहां मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत कलाकृति लोगों का मनमोह लेती है. वहीं महाशिवरात्रि पर देश-विदेश से श्रध्दालु पहुंचते हैं.

SPECIAL STORY OF BHORAMDEV MANDIR OF KAWARDHA
छत्तीसगढ़ का खजुराहो

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Published : Feb 19, 2020, 5:03 AM IST

Updated : Feb 19, 2020, 12:41 PM IST

कवर्धा: महाशिवरात्रि पर ETV भारत आपको छत्तीसगढ़ के शिव मंदिरों के दर्शन करा रहा है. भोरमदेव मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है. भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं. महाशिवरात्रि पर बाबा का विशेष जलाभिषेक किया जाता है. भोरमदेव मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

छत्तीसगढ़ के 'खजुराहो' में महाशिवरात्रि पर अलग होता है भोले का रूप

यहां के पुजारी रोहित दुबे ने बताया कि भोरमदेव मंदिर को 11 वीं शताब्दी में नागवंशी राजाओं ने बनाया गया था.उन्होंने बताया कि इस मंदिर को बनाने में 6 महीने लगे थे लेकिन कलश चढ़ाना बाकी रह गया था. वे कहते हैं कलश न चढ़ने की वजह से मंदिर अपूर्ण माना जाता है और यहां भगवान शिव पूजे जाते हैं. महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि पर यहां विशेष तरह की पूजा होती है.

भोरमदेव प्रवेश द्वार

जल चढ़ाने से खुश होते हैं महादेव

मंदिर के महाराज बताते हैं कि इस दिन भगवान शंकर को जल मात्र चढ़ाने से कन्याओं को वर मिलता है और गरीबों के दिन फिर जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में भारत के कई प्रदेशों समेत विदेश से लोग भी दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.

छत्तीसगढ़ का खजुराहो

खूबसूरती मोह लेती है मन

मंदिर का मुख पूर्व की ओर है और ये नागर शैली का एक खूबसूरत उदाहरण है. मंदिर में तीन तरफ से प्रवेश किया जा सकता है. मंडप की लंबाई 60 फीट और चौड़ाई 40 फीट है. मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत कलाकृति लोगों का मनमोह लेती है. मंदिर के गर्भगृह में कई मूर्तियां हैं और यहीं शिवलिंग स्थापित है.

नदी तट पर स्थित है भोरमदेव

पूरी होती है मुराद

मंदिर में आने वाले भक्तों ने बताया कि यहां मांगने वाली हर मुराद पूरी होती है. महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही हजारों श्रद्धालुओं पहुंचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं. यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन और मंदिर समिति प्रसाद के रूप में भोजन, आराम और अन्य व्यवस्था कराती है.

भगवान शंकर आपकी भी हर मनोकामना पूरी करें. हर हर महादेव.

Last Updated : Feb 19, 2020, 12:41 PM IST

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