कवर्धा:जिले में छत्तीसगढ़ का खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भोरमदेव है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. श्रद्धालु भगवान महादेव की पूजा और जलाभिषेक करते हैं. लगातार जलाभिषेक, चावल व अन्य पूजन सामग्री के छिड़काव से भोरमदेव में स्थित शिवलिंग में धीरे-धीरे क्षरण होने लगा है. जिला प्रशासन लगातार शिवलिंग को क्षरण से बचाने का प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में बसंत पंचमी पर साढ़े 23 किलो वजन से तैयार की गई चांदी के आवरण से शिवलिंग को ढंका गया है.
भोरमदेव शिवलिंग को क्षरण से बचाने चांदी का कवच, आरती और दिव्य श्रृंगार का ऑनलाइन दर्शन शुरू - भोरमदेव शिवलिंग को क्षरण से बचाने चांदी का कवच
Silver armor on Bhoramdev Shivling : कवर्धा के भोरमदेव स्थित शिवलिंग को चांदी के आवरण से ढंका गया है. श्रद्धालुओं द्वारा दान में दी गई चांदी से साढ़े 23 किलो चांदी का आवरण तैयार किया गया है.
श्रद्धालुओं द्वारा दी गई दान की चांदी
यह चांदी का आवरण श्रद्दालुओं द्वारा दान में दी गई चांदी से बनाया गया है. इसे बनाने के लिए आए खर्च को भोरमदेव मंदिर समिति ने वहन किया है. बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर जिला प्रशासन, मंदिर समिति और श्रद्धालुओं की मौजूदगी में चांदी के आवरण से शिवलिंग को ढंका गया.
ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
उज्जैन के महाकालेश्वर की तर्ज पर अब भोरमदेव मंदिर में भी आरती और दिव्य श्रृंगार का दर्शन ऑनलाइन होगा. आज से अब भोरमदेव मंदिर में होने वाले सुबह और शाम की आरती और श्रृंगार का दिव्य दर्शन आमजन भी ऑनलाइन कर सकेंगे.