कवर्धा:छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से मानसून (monsoon) एक बार फिर सक्रिय हो गया है. जिसके कारण कवर्धा जिले में रुक-रुककर बारिश हो रही है. बारिश होने के साथ ही गर्मी और उमस ने लोगों बेहाल कर दिया है. रुक-रुककर बारिश और उमस भरी गर्मी के कारण कवर्धा जिले में मौसमी बीमारियों का खतरा (Seasonal disease patients increased) बढ़ गया है. अस्पतालों में बीमारों की संख्या बढ़ गई है.
मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के चलते मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. हर घर में कोई न कोई मौसमी बीमारी (Seasonal disease ) की चपेट में है. इस मौसम से लोग वायरल फीवर, उल्टी-दस्त, सर्दी, खांसी, जुकाम और मलेरिया जैसी बीमारी के शिकार हो रहे हैं. तापमान के उतार-चढ़ाव का असर बच्चों व बुजुर्गों पर ज्यादा होता है. जिसके कारण इनमें वायरल फीवर और उल्टी-दस्त की शिकायत हो रही है. नगर के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ चुकी है. जिला अस्पताल में मौसमी बीमारी के चलते रोजाना चार दर्जन से ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं. यहां सबसे ज्यादा वायरल फीवर, उल्टी-दस्त और सर्दी-जुकाम के मरीज आ रहे हैं. निजी अस्पतालों में तो मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई है.
गंदगी से भी बीमारी का बढ़ रहा प्रकोप
नगर पालिका की तरफ से शहर की नालियों और कूड़े-करकट की सफाई सही तरीके से नहीं हो पा रही है. जिससे नालियां जाम हो गई हैं, जो बरसात में बीमारी का मुख्य कारण है. गंदगी और बदबू के कारण ही हर घर से कोई न कोई बीमार है. वातावरण में नमी के कारण बीमारी के कीटाणु जल्दी फैलते हैं, जिससे लोग बीमार होते हैं.