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कवर्धा में अंधविश्वास की हद, सर्पदंश की शिकार महिला का झाड़ फूंक से इलाज

कवर्धा के पंडरिपानी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक बैगा झाड़ फूंक करते देखा जा सकता है. वायरल वीडियो के मुताबिक ये झाड़फूंक महिला को सांप काटने के बाद किया जा रहा है. ETV भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

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Published : Jul 19, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 7:54 PM IST

Snake bites a woman in Kawardha
वायरल वीडियो

कवर्धा : शहरी क्षेत्रों में लोग सांप के काटने के बाद इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं, लेकिन ग्रामीणों क्षेत्रों में आज भी लोग सांप के डसने के बाद झाड़ फूंक में जुट जाते हैं. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कवर्धा के पंडरिपानी में एक महिला को खेत में काम करने के दौरान सांप ने डस लिया, तो घर वालों ने महिला को डॉक्टर के पास ले जाने के बजाए गांव के ही एक बैगा तांत्रिक के पास ले गए. बैगा ने इलाज के नाम पर झाड़ फूंक करना शुरू कर दिया. सांप काटने के बाद झाड़फूंक का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

कवर्धा में अंधविश्वास की हद

दरअसल, ये अंधविश्वास का पूरा मामला पंडरिया विकासखंड के पंडरिपानी का है. जहां एक आदिवासी महिला को खेत में काम करने के दौरान आचानक सांप ने डस लिया. जानकारी के मुताबिक घायल महिला को परिजन तत्काल झाड़फूंक कराने के लिए बैगा के पास ले गऐ और बैगा ने झाड़ फूंक के साथ महिला का इलाज करना शुरू कर दिया.

पढ़ें :कोरबा में मिला दुर्लभ प्रजाति का सांप, लोगों के लिए बना कौतूहल का विषय

सोशल मीडिया पर झाड़ फूंक का वीडियो वायरल

इस पूरी घटना को गांव के ही एक युवक ने अपने कैमरे में कैद कर लिया. इसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. दरअसल इस वीडियो में बैगा झाड़फूंक कर मुंह से सांप का जहर निकालते दिख रहा है. इसके बाद बैगा ने महिला को कुछ जड़ी बूटी देकर घर जाकर आराम करने को कहता है. ईटीवी भारत ऐसे अंधविश्वास को नहीं मानता है. साथ ही लोगों से अपील करता है कि सांप के काटने के बाद सबसे पहले मरीज को नजदीकी अस्पताल में ले जाएं.

ग्रामीणों में जागरूकता की कमी

दरअसल इस तरह इलाज के नाम पर अंधविश्वास का यह कोई पहला मामला नहीं है. जिले के वनांचल क्षेत्रों मे आये दिन इस तरह के अंधविश्वास का खेल चलता ही रहता है. इस दौरान जब मरीज की स्थिति बिगड़ जाती है, तब उसे हॉस्पिटल ले जाया जाता है. कभी-कभी देरी के कारण मरीज बच नहीं पाता है और इलाज के दौरान मौत हो जाती है. हैरानी की बात ये है कि गांव-गांव में जगह-जगह स्वास्थ्य केंद्र बनाकर लोगों को सेवा देने की कोशिश की जा रही है, बावजूद इसके लोग अंधविश्वास की तरफ बढ़ रहे हैं.

Last Updated : Jul 19, 2020, 7:54 PM IST

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